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बलूचिस्तान में सियासी घमासान, खतरे में मुख्यमंत्री की कुर्सी!

बलूचिस्तान प्रांतीय विधानसभा के 14 विपक्षी सदस्यों ने बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सनाउल्लाह जेहरी के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 06 Jan 2018 03:30 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jan 2018 03:46 PM (IST)
बलूचिस्तान में सियासी घमासान, खतरे में मुख्यमंत्री की कुर्सी!
बलूचिस्तान में सियासी घमासान, खतरे में मुख्यमंत्री की कुर्सी!

बलूचिस्तान, एएनआई। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में प्रांतीय विधानसभा के 14 विपक्षी सदस्यों ने राज्य के मुख्यमंत्री सनाउल्लाह जेहरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान मुख्यमंत्री को पद से हटाने के लिए 65 में से 33 सदस्यों की आवश्यकता है।

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विश्लेषकों ने अविश्वास प्रस्ताव के तीन कारण बताए हैं। जिसमें आगामी सीनेट चुनाव, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बाहर निकालने के लिए जेहरी की कथित वफादारी और प्रांतीय मामलों में संघीय हस्तक्षेप शामिल हैं। 2013 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) ने सबसे ज्यादा सीटें जीतकर गठबंधन से सरकार बनाई थी। उन्होंने मध्यवर्गीय बलूच राष्ट्रवादी डॉ अब्दुल मलिक बलूच को प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, हालांकि उनकी पार्टी अल्पमत में थी। वर्ष 2015 में अब्दुल मलिक के पद खाली कर दिए जाने के बाद सनाउल्लाह जेहरी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

क्वेटा आधारित विश्लेषक के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर खान जंजुआ चाहते थे कि डॉ बलूच मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें, लेकिन जेहरी ने इसका विरोध किया था क्योंकि उनकी पार्टी ने बलूचिस्तान विधानसभा में बहुमत से सीटें हासिल की थीं।

पीएमएल-एन के करीबी सूत्रों का कहना है कि जेहरी का अपनी पार्टी के मंत्रियों के प्रति रवैया ठीक नहीं रहा है। बलूचिस्तान विधानसभा के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, 'सनाउल्लाह जेहरी का अपने मंत्रियों के प्रति कड़ा रवैया था, वह उनके मामलों में दखल देते थे।' बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मैनगल (बीएनपी-एम) के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल और उनकी पार्टी के मंत्री मीर हमाल कलमाटी ने भी इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।

हालांकि, पश्तूनख्वा मिली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख महमूद खान अचकाजई ने कहा, 'सनाउल्लाह जेहरी को नवाज शरीफ के प्रति वफादार होने के लिए दंडित किया जा रहा है।' वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार सिद्दीक बलोच ने पहले ही इस बात की चेतावनी दी थी कि मंत्री जेहरी का साथ छोड़ रहे हैं। सिद्दकी ने कहा, 'अगर विधानसभा समाप्त हो गई है, तो सीनेट के चुनाव नहीं होंगे। मंत्रियों ने जिन्होंने हाल ही में सनाउल्लाह जेहरी से पोर्टफोलियो प्राप्त किए थे, वह इस्तीफा दे रहे हैं और उन्हें छोड़ भी रहे हैं।'

बता दें कि इससे पहले भी अतीत में बलूचिस्तान प्रांत की सरकारों को कई बार बर्खास्त कर दिया गया है। अधिकार समूहों और कार्यकर्ताओं ने बार-बार इस क्षेत्र में कथित नरसंहार करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ उनकी आवाज उठाई है।

बलूचिस्तान में दशकों तक प्राकृतिक संसाधनों के लूट और स्वदेशी बलोच लोगों के व्यवस्थित आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार के माध्यम से आर्थिक शोषण एक रास्ता बन गया है। इसके अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ती कार्रवाई के लिए गुप्त उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है ताकि बलूच के न्याय, अधिकार और समानता के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष की निंदा कर सके। एक रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 8000 बलूच नागरिक अभी भी बलूचिस्तान में गायब हो रहे हैं, जबकि मानव अधिकार संगठनों के अनुसार 1500 ऐसे पीड़ित मारे गए और फेंक दिए गए हैं।

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