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पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में अप्रैल में चुनाव कराने का प्रस्ताव, निर्वाचन आयोग ने दिया सुझाव

चुनाव आयोग द्वारा यह प्रस्ताव उस समय सामने आया है जब कुछ दिन पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री व पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान पाकिस्तान में आम चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया था। जागरण ग्राफिक्स।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Wed, 25 Jan 2023 03:35 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 03:35 PM (IST)
पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में अप्रैल में चुनाव कराने का प्रस्ताव, निर्वाचन आयोग ने दिया सुझाव
अप्रैल में पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में चुनाव कराने के लिए प्रस्ताव रखा गया।

इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने बुधवार को अप्रैल में पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में चुनाव कराने के लिए प्रस्ताव रखा। चुनाव आयोग द्वारा यह प्रस्ताव उस समय सामने आया है, जब कुछ दिन पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री व पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान पाकिस्तान में आम चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रांतीय विधानसभाओं को भंग कर दिया था।

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अप्रैल में दोनों प्रांतों में चुनाव कराने का प्रस्ताव

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अपने प्रस्ताव में सुझाव दिया कि पंजाब प्रांत में 9 से 13 अप्रैल के बीच और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 15 से 17 अप्रैल के बीच चुनाव कराए जाने चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा दोनों प्रांतों में प्रांतीय विधानसभाओं को इस महीने निर्धारित समय से पहले भंग कर दिया गया था, ताकि सरकार को जल्द आम चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके।

पाकिस्तान में चुनाव कराने की मांग

हालांकि, इमरान खाने के तमाम प्रयासों के बावजूद संघीय सरकार ने दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया और इस साल अगस्त के बाद तय समय पर चुनाव कराने पर अड़ी रही है। इधर, इन दोनों प्रांतों में विधानसभा भंग होने के बाद, वहां कार्यवाहक सरकारें स्थापित की गई थीं। वहीं, नियम के मुताबिक, विधानसभाओं के विघटन के 90 दिनों के भीतर चुनाव होने चाहिए, इसलिए पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने प्रांतीय चुनावों की तारीखों की घोषणा की।

दोनों प्रांतों में कार्यवाहक सरकार

बता दें कि सैयद मोहसिन रजा नकवी ने 22 जनवरी को पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जबकि मोहम्मद आजम खान ने 21 जनवरी को खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले, खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा को 18 जनवरी को और पंजाब विधानसभा को 14 जनवरी को भंग कर दिया गया था। हालांकि, प्रांतों में अंतिम चुनाव की तारीखों की घोषणा संबंधित राज्यपालों द्वारा की जाएगी।

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