लाहौर: गुरुनानक देव की जयंती पर पहली बार सिख प्रदर्शनी का आयोजन, बड़ीं संख्या में संग्रहालय पहुंचे लोग
लाहौर में गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मद्देनजर सिख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यहां दूर-दूर से सिख समुदाय के लोग पहुंच रहे हैं।
लाहौर, आइएएनएस। सिख समुदाय के संस्थापक गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के मद्देनजर लाहौर संग्रहालय में पहली बार सिख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इसकी जानकारी एक कई मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। मंगलवार को संग्रहालय के निदेशक तारीख महमूद ने संग्रहालय का उद्घाटन कर दिया है। इसके बाद भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा के सिख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में संग्रहालय पहुंचे। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनी में सबसे महत्वपूर्ण वस्तु पालकी है।
ये पालकी सिख संघ (गुरुद्वारा प्रबंधक) द्वारा लाहौर संग्रहालय को दान में दी गई थी। संग्रहालय के अधिकारियों ने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी के बीच में रखा है। जावेद ने कहा कि लाहौर संग्रहालय सिख कला का एक समृद्ध भंडार है।
यह बहुआयामी (multidimensional) संग्रह हैं। उदाहरण के तौर पर चित्र, सिक्के, शॉल, फर्नीचर, हथियार और सिखों की वेशभूषा प्रदर्शनी में मौजूद हैं। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदर्शनी का समापन 30 सितंबर को होगा।
एक सितंबर से वीजा देगा पाकिस्तान
पाकिस्तानी अधिकारियों ने फैसला किया है कि वह ननकाना साहिब में गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती में भाग लेने वाले भारत और दुनियाभर के सिख तीर्थयात्रियों को वीजा का काम जल्द पूरा कर लें। फैसले के मुताबिक एक सितंबर से वीजा प्रक्रिया शुरू होगी जो 29 सितंबर तक खत्म हो जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि गुरु नानक देव की जयंती 12 नवंबर को मनाई जाएगी।
पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरुद्वारा, भारत के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर से लगभग 4 किमी और लाहौर से लगभग 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। गुरु नानक ने 1539 में अंतिम सांस लेने से पहले करीब 18 साल तक वहां रहे थे।
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