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पाक सेना प्रमुख बोले, मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार की जरूरत

पाक सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि लगातार बढ़ते जा रहे मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। बलूचिस्तान में आयोजित सेमिनार में उन्होंने यह विचार व्यक्त किए।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 09:02 PM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 09:03 PM (IST)
पाक सेना प्रमुख बोले, मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार की जरूरत

कराची, प्रेट्र: एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में पाक सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि लगातार बढ़ते जा रहे मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। बलूचिस्तान में आयोजित सेमिनार में उन्होंने यह विचार व्यक्त किए। हालांकि सेना की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति में यह बात नहीं थी।

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 पाकिस्तान के एक समाचार पत्र में उनके विचार प्रकाशित हुए हैं। क्वेटा में एक यूथ सेमिनार के दौरान उनका कहना था कि वह मदरसों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इनमें केवल धार्मिक शिक्षा दी जा रही है। इससे हमारे बच्चे पीछे रह रहे हैं, क्योंकि विकास परक शिक्षा उन्हें नहीं मिल पा रही है। इससे हमारे बच्चे विकास की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। उनका कहना था कि पिछले चार सालों में बलूचिस्तान में कई धार्मिक सेमिनार आयोजित किए गए हैं। आधुनिक व गुणवत्ता परक स्कूलों में आयोजित सेमिनारों की तुलना में ये काफी ज्यादा हैं। इनमें केवल धार्मिक शिक्षा ही दी जा रही है, लेकिन आज के दौर में बच्चों को विकास परक शिक्षा की बेहद आवश्यकता है। वैश्विक माहौल तेजी से बदल रहा है और उसमें बच्चों को ज्यादा अपडेट किया जाना जरूरी है।

 सेना प्रमुख ने कहा कि वह लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। लेकिन सेना की राष्ट्रीय सुरक्षा व विकास में एक भूमिका है और इसका निर्वाह वह करते रहेंगे। बाजवा ने कहा कि हमारी देश की तरफ एक ड्यूटी है और सभी को उसे निष्ठा से पूरा करना चाहिए। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सेना की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे में बाजवा का बयान मायने रखता है। सेना ने कई बार सत्ता परिवर्तन करने में भूमिका अदा की है। माना जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ करने में सेना का हाथ है।


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