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    पाकिस्तानी सेना के लिए चुनौती बन रहा बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी, यूबीए-बीआरए के विलय से डरा इमरान खान!

    By Mohd FaisalEdited By:
    Updated: Fri, 04 Feb 2022 11:29 AM (IST)

    बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी तेजी से बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय हुआ है। जो पाकिस्तान सुरक्षा बलों के लिए एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनता जा रहा है। हाल ही में यूनाइटेड बलूच आर्मी और बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी के विलय के बाद बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी अपनी मौजूदगी लगातार प्रांत में दर्ज करा रहा है।

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    बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी की बढ़ी ताकत फाइल फोटो

    बलूचिस्तान, एएनआइ: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी आर्मी, बलूच विद्रोहियों के निशाने पर है। बलूच विद्रोही लगातार पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं। जानकारी के अनुसार, बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी तेजी से बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय हुआ है। जो पाकिस्तान सुरक्षा बलों के लिए एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनता जा रहा है। हाल ही में यूनाइटेड बलूच आर्मी (यूबीए) और बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए) के विलय के बाद बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी अपनी मौजूदगी लगातार प्रांत में दर्ज करा रहा है।

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    दरअसल, नवगठित बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी, बलूचिस्तान की दो सबसे बड़ी जनजातियों मैरिस और बुगटिस के एक साथ आने का भी प्रतीक है। यूनाइटेड बलूच आर्मी (यूबीए) का नेतृत्व दिवंगत बलूच विचारक खैर बख्श मारी के बेटे मेहरान मारी कर रहे हैं, जिन्होंने सालों तक मैरिस का नेतृत्व किया। दूसरी ओर बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए) का नेतृत्व बलूच सरदार अकबर बुगती के बेटे ब्रह्मदाग बुगती और बुगती जनजाति के नेता कर रहे हैं। जो 2006 में एक सैन्य अभियान में मारा गया था।

    हालांकि मारी और बुगती दोनों जनजातियां अन्य उग्रवादी समूहों को साथ ला रही हैं, जिनमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) भी शामिल है। जिसका नेतृत्व अब खैर बख्श के दूसरे बेटे, हिरबेयर मैरी के नेतृत्व में किया जा रहा है। यूबीए-बीआरए विलय इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे बलूच उग्रवादियों का समूह एक संयुक्त संगठन बनाने के लिए जनजातीय लाइनों में तेजी से परिवर्तित हो रहा है।

    बता दें कि, पिछले महीनों में बलूचिस्तान प्रांत में हिंसा और आसपास के प्रांतों में बीएनए के हमलों में वृद्धि हुई है। पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि, 20 जनवरी को लाहौर के अनारकली बाजार इलाके में हुए एक विस्फोट में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई थी, और 26 अन्य घायल हो गए थे। लाहौर के उपायुक्त उमर शेर चट्ठा ने बताया कि, ये स्थान सुरक्षित शहर परियोजना के अंतर्गत आता है. और निगरानी प्रणाली से उपलब्ध सभी साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है।

    वहीं, पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी भेजी गई। इसमें उल्लेख किया गया है कि विस्फोट में 1.5 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री थी। संयोग से हमले का दावा एक नवगठित बलूच अलगाववादी समूह-बलूचिस्तान नेशनल आर्मी (बीएनए) ने लिया है, जैसा कि इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्योरिटी द्वारा रिपोर्ट में दावा किया गया है।

    पाकिस्तान की सेना के मीडिया मामलों की विंग ने बताया, 24 दिसंबर, 2021 को बलूचिस्तान के केच जिले में सुरक्षा बलों की चेक पोस्ट पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में दो सैनिक मारे गए थे। बता दें कि, बलूचिस्तान में खनिज, तेल और प्राकृतिक गैस, सोना और तांबा मौजूद है। पाकिस्तान अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए कई तरह से बलूचिस्तान पर निर्भर है।

    इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्योरिटी के अनुसार, अफसोस की बात है कि प्रांत में सबसे अधिक गरीबी है, जिसकी ग्रामीण आबादी का 62 फीसदी से अधिक गरीबी रेखा से नीचे आता है। साथ ही, बलूचिस्तान में बड़ी संख्या में लोगों के आवास की स्थिति काफी खराब है। जहां पीने के साफ पानी, अस्पताल, शिक्षा और बिजली की भी पहुंच नहीं है। सूबे में आम आदमी की स्थिति बहुत ही भयानक है।

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