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युद्ध के बीच पहली बार पुतिन-जेलेंस्‍की होंगे आमने-सामने, क्‍या G-20 में जंग रोकने की होगी पहल, एक्‍सपर्ट व्‍यू

Nuclear Attack on Ukraine पूरी दुनिया की निगाह दोनों की मुलाकात पर टिकी है। यूक्रेन जंग के बाद यह पहला मौका होगा जब दोनों देशों के प्रमुख एक साथ एक मंच साझा करेंगे। जी हां जी-20 की बैठक में यूक्रेन और रूस के राष्‍ट्रपति शामिल होंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 08 Oct 2022 01:06 PM (IST)Updated: Sat, 08 Oct 2022 01:38 PM (IST)
Putin Vs Zelensky: रूस-यूक्रेन जंग के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे पुतिन और जेलेंसकी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्‍ट्रप‍ति वोल्‍दोमिर जेलेंस्‍की पहली बार एक मंच साझा करेंगे। पूरी दुनिया की निगाह दोनों की मुलाकात पर टिकी है। यूक्रेन जंग के बाद यह पहला मौका होगा जब दोनों देशों के प्रमुख एक साथ एक मंच साझा करेंगे। जी हां, जी-20 की बैठक में यूक्रेन और रूस के राष्‍ट्रपति शामिल होंगे। हालांकि, इस मंच पर दोनों नेताओं के बीच जंग को खत्‍म करने के लिए कूटनीतिक स्‍तर पर कोई पहल होगी या वार्ता करेंगे, इस पर संशय बना हुआ है। खास बात यह है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन यूक्रेन पर परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं। इस धमकी के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने पूरी दुनिया को विश्‍व युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है।

दोनों नेताओं का एक मंच साझा करना काफी सकारात्‍मक

विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि पुतिन और जेलेंस्‍की की मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के बीच युद्ध चरम पर है। रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन परमाणु हमले की चेतावनी भी दे चुके हैं। ऐसे में दोनों नेताओं का एक मंच साझा करना काफी सकारात्‍मक है। उन्‍होंने कहा कि इस तनाव में दोनों नेता एक मंच साझा करने पर राजी हुए यह बड़ी बात है। उन्‍होंन कहा कि यह इस बात को दर्शाता है कि भविष्‍य में दोनों नेताओं के बीच युद्ध खत्‍म करने की कूटनीतिक पहल की संभावना बनती है।

जंग को खत्‍म करने की सारी कूटनीतिक पहल नाकाम

प्रो पंत ने कहा कि फरवरी में शुरू हुए यूक्रेन जंग के बाद इस युद्ध को रोकने के लिए कई कूटनीतिक पहल हुई, लेकिन सब नाकाम रही। इतना ही नहीं कई राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने भी इस युद्ध को खत्‍म करने के लिए पुतिन को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह टस से मस नहीं हुए। अब तक की सारी कोशिश नाकाम रही। ऐसे में दोनों नेताओं का एक मंच साझा करने पर रजामंदी एक सकारात्‍मक संदेश देता है। जी-20 की यह समिट इंडोनेशिया के बाली शहर में 15 से 16 नवंबर को होगी। इसमें कई देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के शामिल होने की उम्‍मीद है।

अलग-अलग होटल में रुकेंगे दोनों नेता

यूएई में इंडोनेशिया के राजदूत हुसैन बागीस के हवाले से कहा गया है कि पुतिन और जेलेंस्‍की इस समिट में शामिल होंगे। उन्‍होंने कहा कि दोनों नेता बाली आने के लिए राजी हैं। उन्‍होंने कहा कि व्‍हाइट हाउस ने कुछ दिन पहले यह कहा था कि अगर इस बैठक में रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन आते हैं तो यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की को भी बुलाया जाना चाहिए। इंडोनेशिया के राजदूत ने कहा कि हम पुतिन और जेलेंस्की के लिए अलग-अलग होटल की व्‍यवस्‍था कर रहे हैं। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि इंडोनेशिया बाकी देशों से भिन्‍न है। इस देश में सारी चीजें अमन और शांति से पूरी की जाती हैं।

बाइडन और पुतिन की मुलाकात पर होगी नजर

इस बैठक में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन भी शिरकत करेंगे। यह माना जा रहा है कि अगर जी-20 की बैठक में रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन आते हैं तो उनकी मुलाकात हो सकती है। गुरुवार को बाइडन ने यह संकेत दिया था कि अगर पुतिन इस समिट में आते हैं तो उनसे जरूर मुलाकात करेंगे। हालांकि, व्‍हाइट हाउस से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उधर, हुसैन ने कहा कि पुतिन और बाइडन की मुलाकात के लिए खास तैयारियां की जा रही है। प्रो पंत का कहना है कि बाइडन और पुतिन के बीच मुलाकात ऐसे समय होगी जब यूक्रेन जंग महाविनाशक दौर में पहुंच चुका है। पुतिन परमाणु हमले की चेतावनी दे चुके हैं। इसको लेकर बाइडन ने विश्‍व युद्ध की चेतावनी जारी किया है। इसलिए यह बैठक काफी अहम होगी। इस बैठक में यूक्रेन जंग से उपजे हालात पर चर्चा होना तय है।

यूक्रेन जंग में शांति के लिए इंडोनेशिया कर चुका है पहल

खास बात यह है कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भी दोनों देशों के बीच सुलह की कोश‍िश कर चुके है। विडोडो ने जून में भी पुतिन और जेलेंस्की को एक मंच पर लाने का प्रयास किया था। हालांकि, इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति दोनों नेताओं के बीच बैठक कराने में नाकाम थे। एक बार फ‍िर इंडोनेशिया में रूसी राष्‍ट्रपति और यूक्रेन के राष्‍ट्रपति आमने-सामने होंगे। यह संकेत हैं कि G-20 समिट में खाद्य संकट और सीरिया संकट पर भी चर्चा हो सकती है। हुसैन ने कहा कि जी-20 का सबसे बड़ा एजेंडा अमन शांति का है। इसके अलावा स्‍वास्‍थ्‍य, ऊर्जा और डिजिटल ट्रांसफार्मेशन पर भी फोकस करेंगे। उन्‍होंने कहा कि हम दुनिया में टकराव नहीं चाहते।

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