VIDEO: मालदीव की संसद में पाकिस्तान की बेइज्जती, कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने लगाई लताड़
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ने कहा कि लोगों पर जुल्म करने वाला पाकिस्तान हमें मानवाधिकार की नसीहत न दे।
माले, एएनआइ। कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी। मालदीव की संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने न सिर्फ उसको करारा जवाब दिया, बल्कि उसे आईना भी दिखाया। कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का रोना रोने पर भारत ने कहा कि अपनों का नरसंहार करने वाला देश हमें नैतिकता न सिखाए। भारत ने यह भी साफ कर दिया कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है।
मालदीव की संसद में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर आयोजित चौथे दक्षिण एशियाई स्पीकर समिट में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सुरी ने कश्मीर मुद्दे को उठाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, 'हम कश्मीरियों के हालात की अनदेखी नहीं कर सकते जिनका उत्पीड़न हो रहा है। उनके साथ अन्याय हो रहा है।'
पाकिस्तान को करारा जवाब
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। गुलाम कश्मीर में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा, 'अपने ही लोगों का नरसंहार करने वाले देश को ऐसा कहने का नैतिक अधिकार नहीं है।'
#WATCH Harivansh, Dy Chairman of Rajya Sabha, in Maldives Parliament after Dy Speaker of Pakistan National Assembly raised Kashmir issue: We strongly object raising of internal matter of India in the forum.There's need for Pak to end cross-border terrorism for regional peace... pic.twitter.com/vN2MwWhAEM
— ANI (@ANI) September 1, 2019
राज्यसभा के उपसभापति सिंह ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद खत्म करने और आतंक को समर्थन बंद करने की नसीहत भी दी।
इस पर पाकिस्तान की सांसद कुरातुलाइन मैरी ने कश्मीर मुद्दे को उठाना चाहा, तो मालदीव संसद के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने समिट से बाहर के विषय को उठाने की अनुमति नहीं दी।
दो दिवसीय इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे भारतीय प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा भी शामिल हैं। इसमें सम्मेलन में भारत और मालदीव के साथ ही अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका की संसद के स्पीकर भी शिरकत कर रहे हैं।
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