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Myanmar Election 2020 : म्यांमार में कल होने हैं चुनाव, सत्ता में फिर आ सकती हैं 'आन सांग सू की'

पिछले चुनाव में आंग सान सू की के नेतृत्व में एनएलडी पांच दशक के बाद सत्ता में आई थी। इससे पूर्व यहां पर सेना ही सत्ता में रही है। सू की के सामने यूनियन सोलिडेरिटी एंड डेवलेपमेंट पार्टी (USDP) मुख्य रूप से चुनाव मैदान में है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:26 PM (IST)
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'आन सांग सू की' को 2015 में भारी विजयी हुई थी

यंगून, एजेंसी। म्यांमार में रविवार को संसद के दोनों सदनों और प्रांतीय विधानसभा के चुनाव होंगे। चुनाव में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आन सांग सू की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (NLD) पर सभी की निगाह होगी। सू की के नेतृत्व वाली पार्टी 2015 में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थीं। इस बार देखना होगा कि कोरोना महामारी और रोहिंग्या सहित अन्य कई मुद्दों का चुनाव पर किस तरह से असर पड़ता है। साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा आबादी वाले म्यामांर में इस बार के चुनाव में तीन करोड़ 70 लाख वोटर अपने मतों का प्रयोग करेंगे।

पिछले चुनाव में आंग सान सू की के नेतृत्व में एनएलडी पांच दशक के बाद सत्ता में आई थी। इससे पूर्व यहां पर सेना ही सत्ता में रही है। सू की के सामने यूनियन सोलिडेरिटी एंड डेवलेपमेंट पार्टी (USDP) मुख्य रूप से चुनाव मैदान में है। इस पार्टी को पीछे से सेना की ताकत रहती है। संसद के दोनों सदनों में सेना के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित रहती हैं। 2015 चुनाव से पूर्व सेना के द्वारा संविधान के बनाए गए मसौदे में 2008 में ही यह प्रावधान कर दिया गया था।

माना जा रहा है इस बार आंग सान सू की को 2015 के चुनावों की तरह भारी बहुमत मिलने के आसार बहुत ही कम हैं। यहां पर रोहिंग्या मुद्दा भी प्रमुख रूप से है। 2017 में रोहिंग्या के क्षेत्र में सेना ने आपरेशन चलाए थे, जिसमें साढ़े सात लाख रोहिंग्या पलायन कर बांग्लादेश चले गए हैं। इस बार के चुनाव में रोहिंग्या को नागरिक न मानते हुए चुनाव प्रक्रिया से दूर कर दिया गया है। आंग सान सू की को उनकी लोकप्रियता और पार्टी के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क का पूरा लाभ मिलेगा।