हैरतअंगेज: प्रेगनेंट महिला का हुआ ब्रेन-डेड, बच्ची के जन्म के लिए 117 दिन तक मां को रखा जिंदा
गंभीर स्ट्रोक के कारण चली गई थी गर्भवती महिला की जान। आर्टिफिशियल लाइफ सपोर्ट की मदद से गर्भ में पलती रही बच्ची।
प्राग, रायटर। विज्ञान कभी-कभी कुछ ऐसा कर देता है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं लगता। कुछ ऐसा ही चमत्कार पिछले दिनों चेक गणराज्य के शहर बर्नो में देखने को मिला। यहां 117 दिन से ब्रेन डेड महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
27 वर्षीय महिला को अप्रैल में बर्नो के यूनिवर्सिटी अस्पताल लाया गया था। उसे गंभीर स्ट्रोक आया था। अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देर बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था अर्थात उसके मस्तिष्क को चिकित्सकों ने मृत मान लिया था। उस समय महिला के गर्भ में 15 हफ्ते का भ्रूण था। ब्रेन डेड घोषित करने के तुरंत बाद से चिकित्सकों ने गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने की कोशिश शुरू कर दी। इस दौरान महिला को आर्टिफिशियल लाइफ सपोर्ट पर रखा गया, जिससे गर्भावस्था सामान्य प्रकार से बढ़ती रहे।
भ्रूण का विकास सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से महिला के पैरों को इस प्रकार से चलाया जाता था, जैसे वह कदम बढ़ा रही हो। 15 अगस्त को चिकित्सकों ने ऑपरेशन के जरिये स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 2.13 किलोग्राम था। बच्ची के जन्म के बाद महिला के पति व अन्य परिजनों की सहमति के बाद महिला का लाइफ सपोर्ट हटा दिया गया है और उसका निधन हो गया।
क्या होता है ब्रेन डेड?
ब्रेन डेड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का मस्तिष्क मृत हो जाता है, जबकि उसके शरीर के बाकी अंग काम कर रहे होते हैं। ऐसे व्यक्ति के पुन: चेतना में लौटने की संभावना शून्य होती है। कृत्रिम तरीके से लाइफ सपोर्ट ना दिया जाए तो कुछ समय में व्यक्ति की स्वत: मृत्यु हो जाती है। ब्रेन डेड व्यक्ति के फेफड़े, हृदय और अन्य अंग दान किए जा सकते हैं। कुछ देशों में कानूनी मामलों के लिए ब्रेन डेड व्यक्ति का मृत्यु प्रमाणपत्र स्वीकार्य होता है।
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