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वैज्ञानिकों ने तैयार की आंत के बैक्टीरियाओं की सूची, बीमारियों का नए तरीके से होगा इलाज

सूक्ष्म जीवों के 7758 उपभेदों के नमूनों संरक्षित करके मनुष्य की आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की एक सूची तैयार की है। इससे बीमारियों का नए तरीके से इलाज किया जा सकता है।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 06:29 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 06:40 PM (IST)
वैज्ञानिकों ने तैयार की आंत के बैक्टीरियाओं की सूची, बीमारियों का नए तरीके से होगा इलाज
वैज्ञानिकों ने तैयार की आंत के बैक्टीरियाओं की सूची, बीमारियों का नए तरीके से होगा इलाज

बोस्टन, प्रेट्र। शोधकर्ताओं ने सूक्ष्म जीवों के 7,758 उपभेदों के नमूनों को अलग और संरक्षित करके मनुष्य की आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की एक सूची तैयार की है। इससे बीमारियों का नए तरीके से इलाज करने में मदद मिल सकती है। मानव के पाचन तंत्र में हजारों बैक्टीरिया के विभिन्न उपभेद होते हैं, जिनमें से कई हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदे मंद होते हैं तो कुछ दशकों तक हमारे आमाशय में रहकर कई विकारों को भी जन्म देते हैं। एक व्यक्ति के शरीर में यह सूक्ष्म जीव कैसे बदल जाते हैं, इसका पता करने के लिए अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं ने बोस्टन क्षेत्र के लगभग 90 लोगों के मल के नमूने एकत्र कर उसकी जांच की।

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 बदल रही जीवाणुओं की आबादी 

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन के परिणाम जर्नल नेचर मेडिकल में प्रकाशित हुए हैं, जो यह समझने में मदद करेंगे कि मनुष्य की आंत में जीवाणुओं की आबादी किस तरह बदल रही है। एमआइटी में बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर इरिक एल्म ने कहा कि इसकी मदद से वैज्ञानिक विभिन्न रोगों का नए तरीके से उपचार भी विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर माइक्रोबायोम के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं, क्योंकि बैक्टीरिया का हमारे स्वास्थ्य और रोगों के बीच निकट संबंध है।

कैसे करता है काम 
हम यह नहीं जानते कि आखिर ऐसा क्यों है। इसका तंत्र क्या है। यह कैसे काम करता है और बैक्टीरिया का बीमारियों से क्या संबंध है। एमआइटी के पोस्टडॉक्टोरल और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक मैथिल्ड पोयट ने कहा कि आधुनिक समय में तकनीक इतनी समक्ष हो चुकी हैं कि हम बिना चीर-फाड़ के भी अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का अलग-अलग कर सकते हैं और इसकी आनुवांशिक विविधता का पता लगाकर हम लोगों को बीमारियों से दूर रख सकते हैैं।


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