बुर्किना फासो की फौज ने पलटा अपने ही तानाशाह का तख्ता, लंबी है दुनिया की सैन्य शासकों की लिस्ट
बुर्किना फासो इकलौता ऐसा देश नहीं है जहां सैन्य विद्रोह होते आया है। माली म्यांमार जैसे कुछ ऐसे देश भी हैं जहां कभी भी सैन्य शासक लागू हो जाता है।आइये जान लेते हैं बुर्किना फासो के अलावा इन देशों के बारे में जहां बार-बार होता आया है सैन्यविद्रोह और तख्तापलट।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क : अफ्रीकी महाद्वीप का देश बुर्कीना फासो एक बार फिर चर्चा में है। वर्तमान में राष्ट्रपति का पद संभाल रहे लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल हेनरी सैंडाओगो डैमीबा को उनके पद से हटा दिया गया है। बता दें कि फरवरी में भी सैन्य तख्तापलट के जरिए बुर्किना फासो के राष्ट्रपति को पद से हटा दिया गया था।
कब और कैसे सत्ता में आई बुर्किना फासो
हमेशा से अशांति और असुरक्षा में रही बुर्किना फासो में डैमीबा ने जनवरी 2022 में राष्ट्रपति को पद से हटाकर सत्ता अपने हाथों में ली थी। 1960 को बुर्किना फासो को स्वतंत्रता मिली और तब से इस देश को कई बार तख्तापलट का सामना करना पड़ा।
ईमानदार पुरूषों की भूमि कहे जाने वाले बुर्किना फासो में सैन्य अधिकारी थॉमस शंकरा ने 1983 में सत्ता संभाली लेकिन वर्ष 1987 में उनकी सरकार को गिरा दिया गया और उन्हें मार दिया गया। आजादी मिलने के बाद से 1966, 1980, 1982, 1983, 1987, 1989, 2015 और फिर 2022 में बुर्किना फासो में सैन्य तख्तापलट की कोशिशें की गई।
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बुर्किना फासो एकलौता ऐसा देश नहीं है जहां सैन्य विद्रोह होते आया है। माली, म्यांमार जैसे कुछ ऐसे देश भी हैं जहां कभी भी सैन्य शासक लागू हो जाता है। तो आइये जान लेते हैं बुर्किना फासो के अलावा इन देशों के बारे में जहां बार-बार होता है सैन्यविद्रोह और तख्तापलट।
माली
अफ्रीकी देश माली में सेना के एक गुट ने विद्रोह करके देश में तख्तापलट कर दिया था। माली में सैनिकों ने राष्ट्रपति इब्राहिम बुबाकार केटा और प्रधानमंत्री बोबू सिसे को हिरासत में लिया था और दोनों को सैन्य मुख्यालय में रखा था। माली में कुछ सालों में कई बार सेना विद्रोह करके तख्तापलट किया जा चुका है।
मानवीय संकटों का सामना कर रहे माली में 2012 से ही सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में लाखों लोग बेघर हुए। माली 1960 में एक स्वतंत्र देश बना और 1991 में पहली बार यहां तख्तापलट हुआ। 1991 में माली में गणतंत्र और बहु-दलीय के रूप में नए संविधान और सत्ता का गठन किया गया। हालांकि, उसके बाद माली में कई बार सैन्य विद्रोह हो चुके हैं।
म्यांमार
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में फरवरी 2021 से सेना का नियंत्रण बना हुआ है। सैन्य विद्रोह में म्यांमार की नेता आंग सांग सू की समेत कुछ और नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। सैन्य तख्तापलट ऐसे समय पर किया गया जब विवादित चुनावों को लेकर सेना और सरकार के बीच तनाव पैदा हो गया था। म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद देश में एक साल का आपातकाल जारी कर दिया गया था। म्यांमार जिसे बर्मा के नाम से भी जाना जाता है, साल 2011 तक सेना के शासन में ही था।
बोलिविया
बोलविया, दुनिया का ऐसा देश है जिसने तख्तापलट का दौर सबसे ज्यादा देखा है। वर्ष 1950 से लेकर 2020 तक देश में 24 बार तख्तापलट या तख्तापलट की कोशिशें की जा चुकी हैं। बोलिविया में तख्तापलट करने वाली सरकार की नेता जीनिन अनेज पर आतंकवाद, विद्रोह और षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया था। जीनिन ने तख्तापलट कर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति इवो मोरालेस को सत्ता से उखाड़ फेंका था।
बोलिविया में तख्तापलट के बाद इवो मोरालेस और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ हिंसात्मक कारवाई की गई थी। इन खतरों से बचने के लिए इवो मोरालेस परिवार सहित देश से भागने पर मजबूर हो गए थे। जीनिन अनेज ने सत्ता पर कब्जा कर करीब एक साल तक बोलिविया पर शासन किया था।
पाकिस्तान
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिरी और शाहबाज शरीफ सत्ता पर काबिज हुए। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। पाकिस्तान भी एक ऐसा देश हैं जहां पल भर में राजनीति बदल जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान में पहला तख्तापलट 1953-54 के बीच किया गया था। 1999 में जब कारगिल युद्ध खत्म हुआ तो उसके बाद भी तख्तापलट किया गया और तत्कालीन पाक आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हटाकर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। अपनी आजादी के बाद से पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकारों की तुलना में सैन्य शासकों का ज्यादा समय तक राज रहा है।
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