शीत ओलंपिक्स को लेकर उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने की मुलाकात
त्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच सोमवार को संपन्न हुई वार्ता में शीत ओलंपिक मुख्य मुद्दा रहा। इस वार्ता में ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया की हिस्सेदारी को लेकर चर्चा की गई।
सिओल (एपी)। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच सोमवार को संपन्न हुई वार्ता में शीत ओलंपिक मुख्य मुद्दा रहा। इस वार्ता में ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया की हिस्सेदारी को लेकर चर्चा की गई। बता दें कि, पिछले साल उत्तर कोरिया के द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षणों के बाद दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच ओलंपिक गेम में उत्तर कोरिया के साथ समझौते की बात सामने आई है।
हालांकि ओलंपिक के ठीक पहले भी उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया को धमकी देने से नहीं चूका। जानकारी के मुताबिक, अपनी शत्रुता फिर से दिखाते हुए उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को धमकी भरा संदेश जारी करते हुए कहा कि वह ओलंपिक प्रतिनिधिमंडल भेजने की अपनी योजना को रद्द कर सकता है।
उत्तर कोरियाई सरकारी न्यूज एजेंसी ने कहा, हमारे प्रतिनिधिमंडलों को ओलंपिक्स तक लेकर जाने वाले ट्रेन और बस प्योंगयांग में ही है। दूसरी तरफ दक्षिणी कोरियाई अधिकारियों ने हालांकि इस पर विचार किया था कि उनके ऐसे अयोग्य व्यवहार से क्या प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं।
इसके अलावा एजेंसी ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन के द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दोनों कोरियाई देशों के बीच सुलह करने का श्रेय देने की आलोचना भी की। न्यूज एजेंसी ने दक्षिण कोरिया पर ये भी आरोप लगाया कि ओलंपिक खेलों के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप के निकट अमेरिकी सेना को तैनात करने की अनुमति दी गई। दक्षिणी कोरियाई अधिकारियों के मुताबिक, दोनों के बीच सोमवार को सीमाई गांव पन्मुनजोम में ओलंपिक को लेकर कार्य-स्तरीय वार्ता और कलाकारों के प्रदर्शन पर विचार किया गया।
उत्तर कोरिया ने जानकारी दी कि प्योंगचांग में 9-25 फरवरी तक चलने वाले खेलों के प्रतिनिधिमंडल में अधिकारियों, एथलीटों, चीयरलीडर्स, पत्रकारों और एक तायक्वोंडो प्रदर्शन टीम के साथ एक कला मंडली शामिल होगी।
बता दें कि पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया में एक ओलंपिक प्रतिनिधिमंडल भेजने और सैन्य वार्ता को आयोजित करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। दोनों कोरियाई देशों ने दो साल बाद अपनी शत्रुता को खत्म करने के लिए औपचारिक वार्ता पर सहमति जताई थी।
हालांकि दक्षिण कोरिया की तरफ उत्तर कोरिया के नरम दृष्टिकोण के कारण स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन कुछ विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के द्वारा सियोल और वाशिंगटन को अपने देश पर दबाव और लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर करने का एक तरीका हो सकता है। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने पिछले साल कई परमाणु और मिसाइल परीक्षण किए जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इस देश पर कई तरह से प्रतिबंध लगा दिए गए साथ ही इसकी वैश्विक स्तर पर निंदा भी की गई।
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