जानें, उस बगदादी के बारे में जिसके खात्मे के लिए अमेरिका ने फूंक डाले छह खरब डॉलर!
आठ बार मारे जाने की खबर आई लेकिन वो भी बेकार ही रही। बगदादी नाम का राक्षस आज भी जिंदा है। उसके खात्मे के लिए अमेरिका करोड़ों डॉलर फूंक चुका है।
नई दिल्ली जागरण स्पेशल। इराक से लेकर सीरिया तक में टनों गोलाबारूद बरसाने और हजारों करोड़ खपा देने के बाद भी सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएस का सरगना अबू अल बकर बगदादी न सिर्फ जिंदा है, बल्कि अमेरिकी फौज की पकड़ से भी शायद कोसों दूर है। बगदादी के एक बार फिर वीडियो के जरिए सामने आने के बाद दुनियाभर के देशों और खासतौर पर अमेरिका की नींद उड़ी हुई है। बगदादी का वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब इराक और सीरिया से आईएस का अंत किया जा चुका है। एक शोध के मुताबिक अमेरिका 2001-2018 तक अमेरिका इस जंग में करीब छह खरब डॉलर खर्च चुका है। यह रकम अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और पाकिस्तान में आतंकियों के खात्मे पर खर्च की गई है।
बगदादी ताजा वीडियो
बगदादी का जो ताजा वीडियो सामने आया है उसमें वह श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 250 से अधिक लोगों के मारे जाने की प्रशंसा कर रहा है। बगदादी का ये वीडियो पांच साल बाद सामना आया है। इस वीडियो में बगदादी श्रीलंका में हुए हमलों को बगूस (सीरिया) हमले का बदला बता रहा है। 18 मिनट के इस वीडियो में बगदादी के साथ तीन लोगों और है। ये सभी एक सफेद कमरे के अंदर राइफलें लेकर बैठे हुए है। श्रीलंका के समाज सुधारकों के दिलों में चुभने वाला कांटा बताया है।
आठ बार आई मरने की खबर
बहरहाल, आपको बता दें कि बगदादी के मारे जाने की खबर करीब आठ बार सामने आ चुकी है। पिछले माह ही जब सीरिया में आईएस के खात्मे की घोषणा की गई थी तब भी यह सवाल उठा था कि आखिर बगदादी कहां है। लेकिन, इस सवाल का जवाब तब भी किसी के पास नहीं था। अमेरिका ने मई 2017 में दावा किया था कि सीरिया के रक्का में अमेरिका मिसाइल हमले में बगदादी को निशाना बनाया गया था। इसके बाद एक अखबार ने दावा किया कि बगदादी उत्तर पूर्वी सीरिया-इराक सीमा के सीरियाई इलाके डेर इज्जोर प्रांत में छिपा हुआ है। अखबार का दावा था कि वह घायल है। वहीं अगस्त 2018 में भी एक ऑडियो सामने आया था जिसमें कथिततौर पर बगदादी अमेरिका और रूस का धमकी देता सुनाई दिया था। आईएस सरगना को आखिरी बार जुलाई 2014 में ईराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल में सार्वजनिक तौर पर देखा गया था।
पीएचडी है बगदादी
अबू बक्र अल बगदादी का जन्म 1971 में ईराक के सामर्रा में हुआ था। बगदादी के कई दूसरे भी नाम हैं जिनमें से कुछ नाम सामने आ चुके हैं जिनमें अली बदरी सामर्राई, अबू दुआ, डाक्टर इब्राहीम, अल कर्रार और अबू बक्र अलबगदादी शामिल हैं। बगदादी के पिता सलफी तकफीरी विचारधारा को मानते हैं। शुरुआती दौर में बगदादी ने धर्म-प्रचार के साथ आगे बढ़ना शुरू किया था, लेकिन बाद में उसका झुकाव जिहादी विचारधारा की तरफ हो गया। इसी विचारधारा ने इराक के दियाला और सामर्रा को जिहादी पृष्ठिभूमि का केंद्र भी बनाया। बगदादी ने इस्लामी विज्ञान विश्वविद्यालय से इस्लामी विज्ञान में मास्टर की डिग्री और पीएचडी हासिल की है। वह 2003 में इराक में अमेरिकी घुसपैठ के बाद बागी गुटों के साथ अमेरिकी फौज से लड़ा था। 2010 में वह इराक के अलकायदा का नेता बन गया।
ऐसे हुई आईएस की शुरुआत
इराक में आईएस की कहानी सद्दाम हुसैन के खात्मे से शुरू हुई थी। अमेरिकी सेना के इराक छोड़ते ही बहुत से छोटे-मोटे गुट अपनी ताकत की लड़ाई शुरू करने लगे। उन्हीं में से एक गुट का नेता अबू बकर अल बगदादी था। यह अल-कायदा इराक का प्रमुख था। वह 2006 से ही इराक में अपनी जमीन तैयार करने में लगा था। जून 2014 में इस्लामिक स्टेट ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसूल पर अपना कब्जा जमाया। मोसूल वो जगह है जहां से आईएसएआईस चीफ अबू बकर अल-बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया। जिसकी दहशत से पूरा इलाका कांप उठा था। आईएस ने लोगों के साथ न्याय, बराबरी और धार्मिक उतोपिया का वादा किया। लेकिन, अगले कुछ वर्षों में इसके नियंत्रण में रह रहे लोग खौफ में जीने लगे।
ऐसे हुई मुक्ति
बगदादी ने सद्दाम हुसैन की सेना के कमांडर और सिपाहियों को अपने साथ मिला लिया। इसके बाद उसने शुरुआती निशाना पुलिस, सेना के दफ्तर और चेकप्वाइंट्स को बनाना शुरू किया। बाद में उसने सीरिया का रुख करने का फैसला किया। सीरिया तब गृह युद्ध झेल रहा था। यहां पर उसने अपने संगठन का नाम बदलकर आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) कर दिया था। बगदादी को बढ़त उस वक्त मिली जब सीरियाई आर्मी के लिए भेजे जाने वाले हथियार और बम आइएस तक पहुंच गए। जून, 2017 में आइएस को बड़ा झटका लगा। लंबी लड़ाई के बाद मोसूल इससे मुक्त हो गया। धीरे-धीरे आइएस के हाथ से एक एक करके इलाके छूटते गए। उसका प्रभाव क्षेत्र सिकुड़ता गया। मार्च 2019 में सीरिया को भी आईएस से मुक्त करवा लिया गया था।
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