जानें कौन है ये महिला और क्यों मिली है इसको 38 साल कैद और 148 कोड़े मारने की सजा!
हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने वाली नसरीन को ईरान में 38 साल की कैद और 148 कोड़े मारने की सजा मिली है। मानवाधिकार संगठनों ने खुलकर इसकी निंदा की है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। ईरान में मानवाधिकार की जानी-मानी वकील नसरीन सोतोदह को 38 साल की कैद और 148 कोड़े मारने की सजा मिली है। इसकी जानकारी खुद नसरीन के पति रेजा खानदान ने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है। नसरीन को यह सजा राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर और ईरान के सुप्रीम लीडर की बेइज्जती करने की वजह से दी गई है। ईरान की न्यूज एजेंसी की मानें तो उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को भड़काया और सुप्रीम लीडर के सम्मान में गुस्ताखी की, जिसके चलते यह सजा उन्हें दी गई है। आपको बता दें कि नसरीन ईरान में महिलाओं के सिर ढकने के खिलाफ खुलेआम प्रदर्शन कर चुकी हैं। इसको लेकर भी वह वहां के कट्टरपंथी समुदाय के निशाने पर काफी समय से रही हैं। रेजा के फेसबुक पोस्ट के मुताबिक उन्हें 2016 में भी पांच वर्ष की सजा दी जा चुकी है।
आपको बता दें कि नसरीन ने अपना पूरा जीवन महिलाओं के हक और उनके अधिकारों के लिए जिया है। इसके अलावा नसरीन देश और दुनिया में सजा-ए-मौत के खिलाफ भी होने वाले प्रदर्शनों का भी नेतृत्व कर चुकी हैं। उनको मिली सजा को एमनेस्टी इंटरनेशनल मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका रिसर्च एंड एडवोकेसी के डायरेक्टर फिलिप लूथर ने बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि उन्हें इस तरह की सजा देना बेहद अपमानजनक है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नसरीन को दी गई सजा की कड़ी निंदा की है। संस्था का कहना है कि बीते एक दशक में ईरान में करीब सात हजार लोगों को ईरान की सरकार ने गिरफ्तार किया है। इन सभी का अपराध मानवाधिकार के खिलाफ आवाज बुलंद करना था। गौरतलब है कि नसरीन को पिछले वर्ष जून में भी तेहरान स्थित उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें तेहरान के बाहर बनी जेल में भेज दिया गया था।
नसरीन को यूरोपियन पार्लियामेंट की तरफ से विचारों की स्वतंत्रता के लिए सखरोव पुरस्कार दिया जा चुका है। यह पुरस्कार उस वक्त उन्हें दिया गया था जब वह जेल में थीं। 2010 में उन्हें 11 साल की सजा सुनाई गई थी। यह सजा उन्हें ग्रीन मूवमेंट के चलते प्रदर्शन करने और चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ आवाज उठाने के चलते दी गई थी। 2013 में उन्हें रिहा कर दिया गया।
नसरीन को मिली सजा से मानवाधिकार से जुड़े अन्य लोगों में रोष व्याप्त है। सीएनएन ने ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद के हवाले से लिखा है कि ईरान की सरकार हिजाब के खिलाफ उठने वाली आवाज को डरा धमकाकर खामोश करने की कोशिश में लगी है। लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। आपको बता दें कि नसरीन के पति भी मानवाधिकार के वकील हैं। उन्हें भी इसी वर्ष जनवरी में सुरक्षा से संबंधित आरोप में दोषी करार दिया गया था। इस आरोप में उन्हें छह साल की जेल की सजा मिली थी। इसके खिलाफ उन्होंने ऊपरी अदालत में अपील की थी जिसके बाद उनकी सजा को स्थागित किया गया था।
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