बीजिंग। चीन द्वारा पिछले साल के अंत में अपनी शून्य-कोविड नीति समाप्त करने के बाद कोविड -19 का कोई नया मामला बीजिंग में सामने नहीं आया है। इसका खुलासा बुधवार को एक नए अध्ययन में किया गया है।

चीन ने दिसंबर की शुरुआत में शून्य कोविड नीति को समाप्त करने के बाद कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की है।

चीन में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए एक दर्जन से अधिक देशों ने तुरंत चीन के यात्रियों पर नए प्रतिबंध लगा दिए लेकिन चीनी शोधकर्ताओं द्वारा 14 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच बीजिंग से 413 नमूनों का विश्लेषण करने वाले नए अध्ययन में कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उस दौरान कोरोना के नए वेरिएंट सामने आए हैं।

वहीं, 90 प्रतिशत से अधिक मामले BF.7 और BA5.2, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट थे जो पहले से ही चीन में मौजूद थे और पश्चिमी देशों में अधिक ट्रांसमिसिबल सबवेरिएंट से काफी अधिक थे।

द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बीएफ.7 के तीन चौथाई नमूने लिए गए थे, जबकि बीए5.2 15 प्रतिशत से अधिक थे।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज में इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के वायरोलॉजिस्ट लीड स्टडी लेखक जॉर्ज गाओ ने एक बयान में कहा, हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि किसी भी नए वेरिएंट के बजाय दो ज्ञात ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट मुख्य रूप से बीजिंग और संभावित रूप से चीन में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि चीन ने अपने परीक्षण में कटौती की है, जिसके कारण कोरोना के परिणाम प्रभावित हुए हैं। ये परीक्षण सिर्फ बीजिंग को कवर करता है, पूरे देश को नहीं। 

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Edited By: Versha Singh