US को लग रहा है चीन के ड्रोन से डर, सुरक्षा से लेकर खास डाटा पर भी डाल सकता है डाका!
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ सिक्योरिटी ने चेतावनी दी है कि चाइनीज ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका के लिए खतरा बन सकता है।
नई दिल्ली जागरण स्पेशल। चीन में छिड़े ट्रेड वार के बाद से अमेरिका वहां से आने वाली हर चीज पर पैनी निगाह रखे हुए है। अमेरिका में हुवाई मोबाइल (Huwai Mobile) को बैन करने के बाद अब अमेरिका की आंखों में चीन से आने वाले ड्रोन खटकने लगे हैं। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ सिक्योरिटी (US Department of Security) ने चेतावनी दी है कि चाइनीज ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका के लिए खतरा बन सकता है। डिपार्टमेंट की तरफ से यहां तक कहा गया है कि यह ड्रोन संस्थान से संवेंदनशील जानकारी चुराने के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा में भी सेंधमारी कर सकते हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट ने साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) से जुड़ी अन्य एजेंसियों को अलर्ट तक जारी किया है।
सीएनएन के मुताबिक अलर्ट में कहा गया है कि ड्रोन में लगे उपकरण जानकारी चुराकर अपने सर्वर पर भेज सकते हैं जिसकी कंपनी को भी कोई जानकारी नहीं लग सकेगी। इस बाबत जारी एक रिपोर्ट में यूं तो ड्रोन बनाने वाली किसी एक कंपनी का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि अमेरिका में करीब 80 फीसद और कनाडा में 74 फीसद ड्रोन डीजेआई कंपनी (Chinese Company DJI) बनाती है, जिसका मुख्याल्य चीन के शेंजान में स्थित है। हाल के कुछ वर्षों में चीन से आने वाले ड्रोन की आमद का बढ़ना भी अमेरिका की चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है।
इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका ऐसे किसी भी तरह के तकनीकी प्रोडेक्ट्स को लेकर काफी चिंतित है जो हमारी जानकारी चुराने की कोशिश कर सकता है और दूसरे देश का खुफिया तंत्र इस जानकारी का गलत इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ कर सकता है। आपको बता दें कि चाइनीज ड्रोन के खतरे की आशंका से घबराए अमेरिका के इस अलर्ट पर अंतिम मुहर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही लगाई है। आपको याद दिला दें कि पिछले सप्ताह की ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन (Executive order signed by President Trump) कर चीन की हुवाई कंपनी को अमेरिका में प्रतिबंधित कर दिया था। उस वक्त भी ट्रंप ने कंपनी पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे की आशंका जताई थी। यहां पर ये भी ध्यान में रखना होगा कि ट्रेड वार के चलते दोनों देशों के व्यापारिक ही नहीं कूटनीतिक संबंध भी खतरे में पड़ गए हैं।
गौरतलब है कि चीन की कंपनी द्वारा बनाए गए ड्रोन पर पहली बार सवाल नहीं उठा है, बल्कि इससे पहले 2017 में अमेरिकी सेना ने चीनी कंपनी डीजेआई के ड्रोन प्रतिबंधित करने का मुद्दा उठाया था। इस दौरान सामने आई खुफिया विभाग की इंटरनल रिपोर्ट (Department of Intelligence Internal Report) में तो यहां तक कहा गया था कि इन ड्रोन के निशाने पर अहम सरकारी दफ्तर तक हो सकते हैं। डीजेआई के ड्रोन के उपयोग को लेकर भी अमेरिका ने इसके उपभोक्ताओं को चेतावनी दी है। नए उपभोक्ताओं को यहां तक कहा गया है कि वह इसकी खरीद से पहले कुछ जरूरी उपाय करना न भूलें। इसमें इसके यूज के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल न करने और अपने डिजीटल कार्ड को सुरक्षित रखने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि इसका इस्तेमाल किस तरह से किया जाए जिससे यह राष्ट्रीय और निजी सुरक्षा में किसी भी तरह की सेंधमारी न कर सके।
हुवाई के बाद डीजेआई के ड्रोन पर लटकती तलवार को देखते हुए कंपनी ने भी सफाई पेश करने में कोई देर नही की है। कंपनी का कहना है कि वह अमेरिका द्वारा यूजर्स को बताई जा रही गाइडलाइंस के खिलाफ नहीं है। लेकिन, साथ ही कंपनी ने ये भी कहा है कि अमेरिका ने इन ड्रोन को अपने स्तर पर हर तरह से जांचा और परखा है तभी इनकी बिक्री की इजाजत दी गई है। यूजर्स का इस ड्रोन पर पूरा कंट्रोल होता है। कंपनी ने अमेरिकी चिंताओं को देखते हुए यहां तक कहा है कि कंपनी ड्रोन को बेचकर किसी भी तरह की जानकारी चुराने की कोशिश नहीं कर रही है और न ही वह अमेरिका की सुरक्षा में किसी तरह की सेंधमारी करने का प्लान तैयार कर रही है।
आपको बता दें कि अमेरिका में बिक्री से ही कंपनी ने वर्ष 2017 में करीब 2.7 बिलियन डॉलर कमाए थे। कंपनी का बनाया हुआ फेंटम ड्रोन अमेरिका में काफी प्रचलित भी है, जिसको 2013 में लॉन्च किया गया था। वहीं इससे जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि इन ड्रोन का इस्तेमाल बेहद आसान है। यह एडवांस्ड तकनीक वाले हैं और इनमें बेहतरनी कैमरे लगे हैं। अमेरिका की ही बात करें तो लोगों का विश्वास इस पर है। अमेरिका के कुछ डिपार्टमेंट में ही इन ड्रोन का इस्तेमाला सेंसिटिव वर्क्स के लिए किया जा रहा है।
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