अमेरिकी संसद ने दलाई लामा के समर्थन में पास किया बिल, तिब्बत सरकार ने जताया आभार
तिब्बती नेताओं ने अमेरिका की संसद में बिल पारित करने का स्वागत किया है। तिब्बत सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के अध्यक्ष लोबसांग सांगे ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय ऐतिहासिक है। सीटीए को तिब्बत की निर्वासित सरकार भी कहा जाता है।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने संसद में बिल पारित कर तिब्बत के दलाई लामा के अगले उत्तराधिकारी को चुनने का रास्ता साफ कर दिया है। चीन उत्तराधिकारी चुनने के मामले में अड़ंगा लगा रहा था। अमेरिका की संसद ने तिब्बत पॉलिसी एंड सपोर्ट एक्ट (टीपीएसए) 2020 को पारित कर दिया है। अब कानून बनने के लिए के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर होना बाकी रह गया है। इस कानून के बनने से चीन और अमेरिका के बीच तनाव में और बढ़ोत्तरी हो सकती है।
फरवरी में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में तिब्बत की संप्रभुता को मान्यता देते हुए बिल पारित किया था। इस बिल के माध्यम से चीन के उन इरादों पर भी पानी फिर गया है, जिसमें वह दलाई लामा का अगला उत्तराधिकारी चुनने में अपना दखल देने का प्रयास कर रहा था। अमेरिका ने इस बिल के माध्यम से तिब्बत की स्वायत्तता को मान्यता दी है। अब दलाई लामा के किसी भी मामले में चीन का हस्तक्षेप स्वतंत्रता में दखल माना जाएगा।
लोबसांग सांगे ने कहा, अमेरिका का यह निर्णय ऐतिहासिक
तिब्बती नेताओं ने अमेरिका की संसद में बिल पारित करने का स्वागत किया है। तिब्बत सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन (सीटीए) के अध्यक्ष लोबसांग सांगे ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय ऐतिहासिक है। सीटीए को तिब्बत की निर्वासित सरकार भी कहा जाता है।
इधर चीन के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि हमने अमेरिका से कहा है कि वह चीन के आंतरिक मामलों में दखल न दे। इस तरह से बिल पारित करने से दोनों देशों के आपसी संबंधों पर खराब असर पड़ेगा।