पाकिस्तान के बाद अब अफगानिस्तान पर है अमेरिका की नजर, बना रहा ये प्लान
अगर संचार के रास्ते बंद हो जाते हैं तो यह अमेरिका के लिए काफी मुश्किल पैदा कर देगा। अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने इस पर विश्वास जताते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। पाकिस्तान पर कड़े निर्णय के बाद अमेरिका ने अब अफगानिस्तान तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका, अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए जोखिम संचार योजना विकसित कर रहा है। बता दें कि फिलहाल यह क्षेत्र पाकिस्तान पर निर्भर है।
गौौरतलब है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर की सैन्य सहायता राशि पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है। इस्लामाबाद की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाए जाने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ यह फैसला किया था।
अमेरिका बना रहा जोखिम संचार योजना
ट्रंप प्रशासन के इस अधिकारी ने कहा कि पिछले अनुभवों को देखते हुए अमेरिका एक जोखिम संचार योजना बना रहा है। उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब सैन्य सहायता निलंबन के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक साक्षात्कार में कहा था कि पाकिस्तान, अमेरिका को अब अपना सहयोगी नहीं मानता है। अधिकारी ने कहा कि हम इन मुद्दों से निपटने के लिए जोखिम संचार उपायों पर काम कर रहे हैं। अमेरिका अब इस हालात के विकल्पों की तलाश कर रहा है। हालांकि अफगानिस्तान पर पहुंच बनाना हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। लेकिन हम इसके उपायों की भी तलाश कर रहे हैं।
पाकिस्तान से अब भी सहयोग की पूरी उम्मीद
हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं वे हमें इस मामले में सहयोग करेगा, जिस प्रकार से पिछले 15 सालों से हमारे संबंध रहे हैं। सहायता निलंबन के बाद आ रही पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर अधिकारी ने कहा कि हमें ज्ञात है कि वे किस तरह की प्रतिक्रिया देंगे और हम इससे निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका वहां अपनी पहुंच बनाने की रास्तों की तलाश कर रहा है और यही कारण है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ अपने संचार के रास्ते खुले रख रहा है। अमेरिका, पाकिस्तान के साथ भी अभी भी सहयोगी संबंध चाहता है और अमेरिका ऐसी सकारात्मक उम्मीद रखता भी है।
संचार के रास्ते बंद तो अमेरिका के लिए मुश्किल
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अगर संचार के रास्ते बंद हो जाते हैं तो यह अमेरिका के लिए काफी मुश्किल पैदा कर देगा। अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने इस पर विश्वास जताते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा। पिछले सप्ताह ही रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल माइक एंड्रयूज ने कहा था, "अमेरिका, लागत के कारण पाकिस्तान के मार्गों से माध्यमों की आपूर्ति करता है। लेकिन किसी एक विकल्प पर निर्भरता से बचने के लिए भी हमने अन्य विकल्पों के साथ भी लचीलेपन की नीति अपनाई है।"
उन्होंने कहा, वर्तमान में अफगानिस्तान में लगभग 14,000 अमेरिकी सेनाएं हैं। जबकि ओबामा प्रशासन में यह संख्या 100,000 तक थी। एंड्रयूज ने कहा, "अमेरिकी सैनिकों की कम संख्या की वजह से, आपूर्ति की जरूरतें कम हैं।
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