ट्रंप की नई नीति से मजबूत हो सकती है परमाणु हथियारों की भूमिका
गैर-परमाणु हमले के जवाब में अमेरिका ने परमाणु हथियार इस्तेमाल का विकल्प खुला रखा है।
वाशिंगटन (रायटर)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की मसौदा नीति अगर कार्यरूप में आई तो अमेरिका परमाणु हथियार के जखीरे के विकास को आगे बढ़ा सकता है। इसके अलावा इसमें किसी गैर-परमाणु हमले के जवाब में परमाणु हथियार के इस्तेमाल का विकल्प खुला रखा गया है। हफिंगटन पोस्ट की वेबसाइट पर मसौदा नीति के दस्तावेज को प्रकाशित किया गया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने लीक हुए दस्तावेज पर टिप्पणी नहीं की लेकिन हथियार नियंत्रण मामलों के विशेषज्ञों ने परमाणु युद्ध का खतरा होने को लेकर चिंता जताई है।
पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि फैसला पूर्व नीति, रणनीतियों की मसौदा कॉपी और समीक्षाओं पर वह टिप्पणी नहीं करता। उसने कहा कि 'न्यूक्लियर पॉस्चर रिव्यू' अभी पूरा नहीं हुआ है। राष्ट्रपति और विदेश मंत्री इसकी समीक्षा करेंगे और मंजूरी देंगे। हालांकि एक सूत्र ने दस्तावेज को प्रामाणिक बताया। लेकिन यह नहीं बताया कि इसे इसी रूप में मंजूरी के लिए ट्रंप को सौंपा जाएगा।
पिछली बार 2010 में यह नीति तैयार की गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसमें परमाणु हथियारों की भूमिका को कम किया था। ट्रंप प्रशासन के मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि ओबामा काल की कम परमाणु हथियारों वाली दुनिया की धारणा गलत साबित हुई। दुनिया में अभी स्थिति ज्यादा खतरनाक है। मसौदा में परमाणु हथियारों की भूमिका को प्रतिरोधक के तौर पर बताया गया है।
इसमें पुराने पड़ गए अमेरिकी परमाणु जखीरे के आधुनिकीकरण का समर्थन किया गया है जिस पर काफी खर्च आएंगे। इसमें कहा गया है कि रूस और चीन अपने परमाणु जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। जबकि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम से क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को खतरा है।
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