रूस ने फिर अमेरिका को चेताया, अलग हुआ तो खत्म हो जाएगा ईरान परमाणु समझौता
एक हफ्ते पहले ट्रंप ने कहा था कि इस अंतरराष्ट्रीय समझौते की खामियों को दूर नहीं किया गया तो अमेरिका इससे खुद को अलग कर लेगा।
यूनाइटेड नेशंस, रायटर्स। ईरान परमाणु समझौते को लेकर रूस ने एक बार फिर अमेरिका को चेताया है। रूसी विदेश मंत्री सेर्गेइ लावरोव ने कहा है कि अगर वह समझौते से अलग हो जाएगा तो इसका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु समझौते से अलग होने की धमकी दी है। अमेरिका का आरोप है कि इस समझौते में शामिल होने के बावजूद ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है।
एक हफ्ते पहले ट्रंप ने कहा था कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए अगर 120 दिन के भीतर इस अंतरराष्ट्रीय समझौते की खामियों को दूर नहीं किया गया तो अमेरिका इससे खुद को अलग कर लेगा। ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील की समय-सीमा को बढ़ाते हुए ट्रंप ने यह चेतावनी दी। साथ यह भी कहा कि यह उनकी तरफ से आखिरी माफी है।
संयुक्त राष्ट्र में मीडिया को संबोधित करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर इस समझौते में शामिल कोई देश एकतरफा कदम उठाते हुए इससे बाहर निकल जाएगा तो यह खत्म हो जाएगा। फिर कोई भी समझौता नहीं रहेगा। गौरतलब है कि रूस पहले भी अमेरिका को यह कदम ना उठाने की बात कह चुका है। रूस का कहना है कि अगर अमेरिका ने ऐसा किया तो यह उसकी एक बड़ी गलती होगी। वहीं रूस ने 2015 के इस समझौते को रद्द कराने की हर कोशिश को नाकाम करने की प्रतिबद्धता जताई है।
ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा था कि या तो संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) को दुरुस्त किया जाए या वह अमेरिका को ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लेंगे। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि यह आखिरी बार है। (अमेरिका और यूरोपीय शक्तियों के बीच) कोई ऐसा समझौता न होने की स्थिति में अमेरिका ईरान परमाणु समझौते में बने रहने के लिए एक बार फिर से प्रतिबंधों को माफ नहीं करेगा।
ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान आर्थिक मदद और खुद पर लगे अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकने पर सहमत हुआ था।
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