वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत और अमेरिका तीन अरब डालर से अधिक के 30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन सौदे को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी में हैं। दोनों ओर से इसकी प्रतिबद्धता जताई गई है। ड्रोन के मिलने से एलएसी और हिंद महासागर में भारत की निगरानी क्षमता काफी मजबूत हो जाएगी।

अमेरिकी विदेश विभाग में राजनीतिक सैन्य मामलों की सहायक विदेश मंत्री जेसिका लेविस ने बुधवार को संवाददाताओं द्वारा सौदे में देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि मामला अब भारत के पाले में है। रक्षा जरूरतों को देखते हुए सौदे के तहत तीनों सेनाओं के लिए 10-10 एमक्यू-9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन खरीदे जाने हैं। इस सौदे की घोषणा 2017 में हुई थी। माना जा रहा है कि एनएसए अजीत डोभाल की अपने समकक्ष जैक सुलविन समेत शीर्ष अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता हुई है।

अधिक समय तक उड़ने में सक्षम है ड्रोन

जनरल एटामिक ग्लोबल कार्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल ने बताया कि अन्य किसी ड्रोन की अपेक्षा एमक्यू-9बी ड्रोन आकाश में अधिक समय तक उड़ सकता है और 360 डिग्री में कार्य करता है। यह जल, थल और आकाश तीनों की निगरानी में अधिक सक्षम है।

डोभाल व ब्लिंकन की मुलाकात में रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा

एनएसए अजीत डोभाल और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मिलकर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों को आदान-प्रदान किया। इसके साथ ही द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया। वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि आइसीईटी पर भारत और अमेरिका की पहल दोनों देशों में लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम पैदा करेगी।

बता दें कि भारत और अमेरिका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इससे दोनों देशों के विज्ञानियों और इंजीनियरों के बीच रिसर्च प्रोजेक्ट के चयन और वित्त पोषण की प्रक्रिया को सुगम करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय विज्ञान संस्था (एनएसएफ) ने कहा कि यह समझौता बेहद महत्वपूर्ण कदम है।

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यह दोनों देशों की वैज्ञानिक एजेंसियों और संस्थाओं को करीब लाएगा। साथ ही तकनीकी क्षेत्र में संयुक्त शोध को बढ़ावा देगा। इससे लोगों की समृद्धि में मदद मिलेगी। एनएसएफ अमेरिका की एक स्वायत्त संस्था है। पिछले पांच वर्षों में एनएसएफ ने भारत में विज्ञानियों, इंजीनियरों और शिक्षकों के साथ सहयोगी अनुसंधान गतिविधियों में 14.6 करोड़ डालर से अधिक का निवेश किया है।

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Edited By: Babli Kumari