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इस खबर को जान लेंगे तो चीजबर्गर से कर लेंगे तौबा

चीजबर्गर जैसा अधिक वसा वाला खाना सेहत के लिए खतरनाक है। इससे प्रोस्टेट कैंसर के प्रभावी होने के साथ उसके बढ़ने की आशंका अधिक हो जाती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 17 Jan 2018 01:28 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 01:37 PM (IST)
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न्यूयॉर्क (आइएएनएस)। उच्च वसा युक्त पश्चिमी खाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। इसमें बताया गया है कि चीजबर्गर जैसा अधिक वसा वाला खाना सेहत के लिए खतरनाक है। इससे प्रोस्टेट कैंसर के प्रभावी होने के साथ उसके बढ़ने की आशंका अधिक हो जाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस खोज के जरिए इस बीमारी का उपचार खोजने में मदद मिल सकती है। इससे जाना जा सकेगा कि इस कैंसर के खतरे को खत्म कैसे किया जाए या इसके फैलने की रफ्तार को कम किस प्रकार किया जाए।

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बोस्टन स्थित बेथ इजरायल डेकोनेस मेडिकल सेंटर के निदेशक पियर पाओलो पैंडोल्फी के मुताबिक, यदि इस कैंसर का शुरुआती स्तर पर ही पता लगाया जा सके तो इसे बढ़ने से रोकने के साथ इसका उपचार संभव है। अब चूंकि हमें इसके एक प्रमुख कारण का पता चल गया है और हम उस पर आगे अध्ययन कर रहे हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि हम इसके उपचार को तलाशने में सफल होंगे।

तनाव लेने से बढ़ सकता है इस खतरनाक बीमारी का खतरा
तनाव सेहत के लिए ठीक नहीं होता। यह कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकता है। अब नए शोध से पता चला है कि तनाव के चलते अग्नाशय (पैंक्रिएटिक) कैंसर की वृद्धि बढ़ सकती है। तनाव की वजह से एड्रेनलाइन हार्मोन का स्राव होता है जिससे इस कैंसर का विकास तेज हो जाता है। अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के हार्मोन के रोकथाम के लिए आमतौर पर बीटा ब्लॉकर्स दवाओं का उपयोग किया जाता है।

पैंक्रिएटिक कैंसर पीड़ितों के विश्लेषण में पाया गया कि जिन रोगियों ने बीटा ब्लॉकर्स का सेवन किया उनकी जिंदगी उन लोगों की अपेक्षा दो तिहाई लंबी हो गई जिन्होंने इन दवाओं का सेवन नहीं किया। हाल के अध्ययनों से भी यह जाहिर हो चुका है कि भावनाओं और मानसिक तनाव की ट्यूमर की वृद्धि में सामान्य रूप से अहम भूमिका होती है।  

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