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अगले दलाई लामा के चुनाव में अमेरिका ने पेश किया बिल, चीनी अधिकारियों ने दी दखल तो लगेगा प्रतिबंध

अमेरिका कांग्रेस ने एक बिल पेश किया है जिसके तहत यदि कोई चीन तिब्बती बौद्ध उत्तराधिकार प्रथाओं के साथ कोई चीनी अधिकारी हस्तक्षेप करता है तो उसपर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 09:00 AM (IST)
अगले दलाई लामा के चुनाव में अमेरिका ने पेश किया बिल, चीनी अधिकारियों ने दी दखल तो लगेगा प्रतिबंध
अगले दलाई लामा के चुनाव में अमेरिका ने पेश किया बिल, चीनी अधिकारियों ने दी दखल तो लगेगा प्रतिबंध

वॉशिंगटन, एजेंसी। जहां एक ओर तिब्बती लोग दलाई लामा के गुजरने की अकल्पनीय संभावना से जूझ रहे हैं। वहीं, अमेरिका चीन के खिलाफ एक रेखा बनाने की कोशिश कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी और कानूनी चेतावनी के जरिए संयुक्त राज्य अमेरिका पहले ही ये स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा है कि अगर बीजिंग दलाई लामा के चुनाव में कोई दिक्कत पैदा करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमान का सामना करना पड़ेगा।  

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14 वें दलाई लामा  को 84 साल की उम्र में उन्हें छाती के इन्फेक्शन के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। हालांकि, उन्हें किसी और गंभीर स्वास्थाय समस्याएं नहीं थी। बहरहाल, तिब्बती कार्यकर्ता और बीजिंग दोनों इस बात से अवगत हैं कि उनकी मृत्यु हिमालयी क्षेत्र में स्वायत्तता के लिए एक बड़े झटके हो सकती है। 

 एक नोबल पुरस्कार विजेता, नैतिक शिक्षाओं और उनके ह्यूमर ने उन्हें दुनिया का सबसे लोकप्रिय धार्मिक नेता बना दिया है।चीन ने दलाई लामा के प्रतिनिधियों के साथ नौ साल तक बातचीत नहीं की है और संकेत देता रहा कि इससे उनके उत्तराधिकारी की पहचान हो सकती है। 

हाल ही में अमेरिका कांग्रेस ने एक बिल पेश किया है जो तिब्बती बौद्ध उत्तराधिकार प्रथाओं के साथ हस्तक्षेप करने वाले किसी भी चीनी अधिकारी पर प्रतिबंधों के लिए कहता है। पूर्वी एशिया के विदेश विभाग के शीर्ष अधिकारी डेविड स्टिलवेल ने कांग्रेस के सामने बुधवार को गवाही देते हुए कहा कि अमेरिका तिब्बतियों के लिए 'सार्थक स्वायत्तता' के लिए दबाव बनाए रखेगा।

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी दलाई लामा की पुनर्जन्म प्रक्रिया में अपनी भूमिका का दावा करती है, यहां तक ​​कि राष्ट्रपति शी ने भी पार्टी के सदस्यों से 'मार्क्सवादी नास्तिकों को एकजुट करने का आग्रह किया है। उन्होंने आगे कहा कि हम मानते हैं कि सभी समुदायों की तरह तिब्बतियों को भी स्वतंत्र रूप से अपने विश्वास का अभ्यास करने और अपने नेताओं का चयन करने का अधिकार है। 

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