Kolkata: अभिषेक की प्रशासनिक बैठक पर बिफरे सुवेंदु, कहा- बंगाल में राजतंत्र की हुई शुरुआत
सुवेंदु ने कहा कि 2011 में ममता बनर्जी जैसे ही सत्ता में आईं अभिषेक को सामने लाया गया। इसीलिए उनका राजनीतिक लड़ाई व आंदोलनों में कोई योगदान नहीं है। सुवेंदु ने इसी के साथ तृणमूल कांग्रेस को एक बार फिर एक परिवार की पार्टी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बताया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर में जिला प्रशासन के साथ प्रशासनिक समीक्षा बैठक करने पर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने सवाल उठाते हुए जोरदार हमला बोला। सुवेंदु ने कहा कि एक सांसद इस तरह की बैठक नहीं कर सकते और यह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है।
कोलकाता में भाजपा की सांगठनिक बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सुवेंदु ने अभिषेक का नाम लिए बिना उनपर राज्य प्रशासन में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए यहां तक कहा कि इस प्रशासनिक बैठक के जरिए 2023 में बंगाल में राजतंत्र की शुरुआत हो गई है।
राजनीतिक लड़ाई व आंदोलनों में कोई योगदान नहीं
अभिषेक के धुर विरोधी सुवेंदु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपने भतीजे (अभिषेक) को उत्तराधिकारी के रूप में तैयार करने और युवराज होने का आरोप लगाते रहे हैं। सुवेंदु ने इसके साथ ही दोहराया कि बंगाल की राजनीति में अभिषेक का कोई योगदान नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब राज्य में नंदीग्राम व सिंगुर जैसा बहुचर्चित आंदोलन व नेताई नरसंहार जैसी घटनाएं हुई थी तो अभिषेक का कोई अता-पता नहीं था। उस वक्त तृणमूल में रहते हम जैसे नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कितना अत्याचार सहा था, लेकिन अभिषेक उस समय सुरक्षित घर में दिल्ली में रहते थे।
सुवेंदु ने कहा कि 2011 में ममता बनर्जी जैसे ही सत्ता में आईं अभिषेक को सामने लाया गया। इसीलिए उनका राजनीतिक लड़ाई व आंदोलनों में कोई योगदान नहीं है।
सुवेंदु ने इसी के साथ तृणमूल कांग्रेस को एक बार फिर एक परिवार की पार्टी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बताया। अभिषेक द्वारा फिर गद्दार बताए जाने पर भी सुवेंदु ने पलटवार करते हुए कहा कि वह इस कंपनी के मालिक (ममता बनर्जी) को हरा चुके हैं, इसलिए मैनेजर की बातों पर कोई जवाब नहीं देंगे।