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बंगाल में पटाखों पर प्रतिबंध के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

कोर्ट ने कहा-वर्तमान महामारी में जीवन के संरक्षण से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। अब जीवन खुद खतरे में है लोगों को समस्या से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के कलकत्ता हाईकोर्ट आदेश को बरकरार रखा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 12:34 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 06:51 PM (IST)
कोर्ट के आदेश- बंगाल में पटाखों पर प्रतिबंध

कोलकाता,  जेएनएन। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में पटाखे की बिक्री व जलाने पर तीस नवंबर तक पूर्ण रोक लगा दी है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वायू प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से काली पूजा के अवसर पर बंगाल में पटाखों की बिक्री और जलाने पर प्रतिबंध लगाने के हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से बुधवार को इन्कार कर दिया। 

महामारी के दौरान जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण है। जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि यद्यपि पर्व महत्वपूर्ण हैं लेकिन इस समय महामारी के दौर में ‘जीवन ही खतरे में है।’

दीपावली, काली पूजा और छठ पूजा पर ये प्रतिबंध

शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण की वजह से दीपावली, काली पूजा और छठ पूजा सहित आगामी त्योहारों पर पटाखों के इस्तेमाल और उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के हाईकोर्ट के पांच नवंबर के आदेश के खिलाफ गौतम रॉय और बड़ा बाजार फायरवर्क्स डीलर्स एसो. की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

सभी इस स्थिति में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे 

काली पूजा का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘हम सभी इस स्थिति में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हम सभी के घरों में वृद्धजन हैं। इस समय हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां जिंदगी बचाना अधिक महत्वपूर्ण है और हाईकोर्ट जानता है कि वहां पर किस चीज की जरूरत है।’

HC ने वरिष्ठ नागरिकों के हितों का ध्यान रखा है

पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने नागरिकों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के हितों का ध्यान रखा है, जो शायद बीमार हों। बता दें कि पिछले हफ्ते हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों और कोविड-19 का हवाला देते हुए राज्य में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। 

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संज्ञान लेकर निर्देश

इसके बाद मंगलवार को पटाखे जलाने से कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि प्रतिबंध के आदेश का हर जगह पालन कराया जाए। 

पटाखे खरीदने और बेचने के खिलाफ भी कार्रवाई

अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करने से भी मना कर दिया, जिसमें दिवाली और काली पूजा के दौरान दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की बात कही गई थी। अदालत ने पुलिस को पटाखे खरीदने और बेचने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 

त्योहारों के मौसम में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया

राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा और दिल्ली सहित कई राज्यों ने कोविड-19 दौरान लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए त्योहारों के मौसम में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्यों ने पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बाद दो घंटे पटाखे जलाने की मंजूरी दे दी है।

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