विश्वभारती विश्वविद्यालय में छात्रावास की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव, कुलसचिव ने मांगी सुरक्षा
बुधवार को विश्वभारती विश्वविद्यालय ने छात्रावास की मांग को लेकर विरोध कर रहे छात्रों पर पथराव करने का आरोप लगाया। आरोप है कि छात्रावास आवंटन को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों ने कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कुलसचिव अशोक महतो पर पथराव किया।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 14 Dec 2022 08:35 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो: बुधवार को विश्वभारती विश्वविद्यालय ने छात्रावास की मांग को लेकर विरोध कर रहे छात्रों पर पथराव करने का आरोप लगाया। आरोप है कि छात्रावास आवंटन को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों ने कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कुलसचिव अशोक महतो पर पथराव किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी छात्रों के शिविर को उजाड़ दिया गया है। इधर घटना के बाद कुलपति महतो ने पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है।
कुलपति के आवास पर भी पथराव का दावा
विश्वविद्यालय की एक प्रवक्ता ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना मंगलवार शाम उस वक्त हुई, जब चक्रवर्ती कार्यालय से अपने सरकारी आवास लौट रहे थे। प्रवक्ता ने दावा किया है कि कुलपति के आवास पर भी पथराव किया गया। इसमें कुलपति के कई सुरक्षा गार्ड घायल हो गए। हालांकि, आंदोलनकारी छात्रों ने आरोप से इन्कार किया और दावा किया कि उन्हें ही विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड द्वारा पीटा गया।
प्रदर्शनकारी छात्रों के शिविर को उजाड़ा गया
प्रवक्ता ने मीडिया को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों द्वारा देर रात रजिस्ट्रार के आवास पर भी पथराव किया गया। छात्रों के इस तरह के दुर्व्यवहार कि बात सामने आने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों के शिविर को उजाड़ दिया क्योंकि हमलों के लिए वहां पत्थर जमा किए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि जब शिविर को उजाड़ा गया, तब शांति निकेतन पुलिस थाने के अधिकारी मौके पर मौजूद थे।यह भी पढ़ें: LAC Clash: 'अरुणाचल के तवांग में पवित्र जलप्रपात के पास निगरानी चौकी स्थापित करने की योजना बना रही थी पीएलए'
SFI ने विश्वविद्यालय के आरोपों को झूठा बताया
हालांकि, छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) ने विश्वविद्यालय के आरोपों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए आरोपों को खारिज कर दिया। विश्वविद्यालय में एसएफआइ के कार्यकर्ता सोमनाथ साव ने आरोप लगाया, 'छात्रों की मांगों को सुने बिना, कुलपति ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। सुरक्षा गार्डों ने कुछ प्रदर्शनकारी छात्राओं की पिटाई भी की। कुलसचिव ने हमारे शिविर को उजाड़ने के लिए सुरक्षा गार्ड का नेतृत्व किया। हममें से कोई भी किसी पर पथराव में शामिल नहीं था।' एसएफआइ के कार्यकर्ता ने बताया कि प्रर्दशनकारी छात्र सभी बाहरी छात्रों के लिए तत्काल छात्रावास आवंटन और शोधकर्ताओं के पीएचडी और एमफिल के पेपर समय पर पूरा करने की मांग कर रहे थे।यह भी पढ़ें: लालन शेख मौत मामला: हाई कोर्ट का बंगाल पुलिस को निर्देश, कोर्ट के आदेश के बिना CBI के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई
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