एनसीइआरटी सिलेबस से टैगोर को हटाने के सुझाव को ममता ने कहा बकवास
कोई भी स्कूल पाठ्य पुस्तको मे से भला टैगोर को हटाने के बारे मे कैसे सोच सकता है।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा एनसीइआरटी की किताबो से अंग्रेजी, उर्दू और फारसी के शब्द और रविंद्र नाथ टैगोर वैचारिक लेख जैसे कुछ घटनाक्रम को हटाने के सुझाव को बकवास करार दिया है।
सुश्री बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि मुझे लगता है कि बहुत जल्द वे सभी को देश से बाहर कर देगे। कोई भी स्कूल पाठ्य पुस्तको मे से भला टैगोर को हटाने के बारे मे कैसे सोच सकता है। उन्होने कहा कि यह सिर्फ एक बकवास है। पूरा विश्व उनका सम्मान करता है, मुझे नही लगता कि कोई इसका समर्थन करेगा।
यहां बता दे कि मंगलवार को ही तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के सवाल का जवाब देते हुए केद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्कूलो के किताबो से रविंद्रनाथ टैगोर को हटाने की विभाग की कोई योजना नही है।
मालूम हो कि एनसीइआरटी ने कोर्स मे बदलाव के संबंध मे शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास से सुझाव मांगे थे। इस पर सुझाव देते हुए क्रांतिकारी कवि पाश, मिर्जा गालिब के शेर, रविंद्रनाथ टैगोर के वैचारिक लेख, चित्रकार मकबूल फिदा की आत्मकथा के अंश, मुगल बादशाहो की दया से जुड़े किस्से, भाजपा को हिंदू पार्टी बताना, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को सेकुलर बताना, सिख दगो पर मनमोहन सिह की माफी और 2002 के गुजरात दंगो मे दो हजार लोग मारे गए थे, जैसे वाक्ये को हटाने के लिए कहा है।
उक्त सुझाव न्यास प्रमुख दीनानाथ बत्रा ने एनसीइआरटी को पांच पन्नो मे भेजे है। इससे पहले एनसीइआरटी की किताबो के संबंध मे केद्र ने विभिन्न विभागो से सुझाव मांगा था। इस पर करीब 7 हजार सुझाव जमा पड़े है। इन्ही प्रस्तावो मे से एक प्रस्ताव आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का भी है जिस पर विवाद छिड़ा हुआ है।
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