अगले लोकसभा व विधानसभा चुनाव तक तृणमूल की सारथी बनी रहेगी आइपैक
-अगले पांच साल तक आइपैक पहले की तरह तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करेगी। विधानसभा चुनाव से काफी पहले प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की थी कि तृणमूल 200 सीटें जीतेगी। भाजपा 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। चुनाव परिणाम में उनकी यह भविष्यवाणी सच भी साबित हुई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल-आइपैक का करार अभी नहीं टूट रहा है। अगले पांच साल तक चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की आइपैक पहले की तरह तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो अगले लोकसभा चुनाव में और यहां तक कि अगले विधानसभा चुनाव में भी आइपैक तृणमूल की सारथी बनी रहेगी। बताते चलें कि लोकसभा चुनाव 2019 में उम्मीद से कम प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके का दामन थामा था। विधानसभा चुनाव से काफी पहले प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की थी कि तृणमूल 200 सीटें जीतेगी। भाजपा 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। चुनाव परिणाम में उनकी यह भविष्यवाणी सच भी साबित हुई।
संगठन पहले की तरह ही काम जारी रखेगा
सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर का संगठन पहले की तरह ही टीएमसी के साथ काम जारी रखेगा। इसमें पीके का ऑफिस और उनकी फील्ड उपस्थिति भी शामिल है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रबंधक का कार्य छोड़ने का दावा किया था। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर रहेंगे कि नहीं इसे लेकर असमंजस बना हुआ है।
प्रशांत किशोर को लेकर बनी हुई है असमंजस
तो सवाल यह है कि अगर पीके नहीं हैं तो वह किसे अपना विकल्प मान रहे हैं। इस बीच उनकी टीम ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पंजाब कांग्रेस के साथ समझौता भी कर लिया है। गौरतलब है कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर 2015 के बिहार चुनाव में पहले सफल भाजपा विरोधी महागठबंधन के वास्तुकार भी थे। इसके अलावा उन्होंने आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी, तमिलनाडु में एमके स्टालिन और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।