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74th Republic Day: पश्चिम बंगाल की झांकी में दुर्गा पूजा से दिया नारी की महानता का संदेश

देशभर में आज 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की झांकी ने प्रमुखता से अपनी संस्कृतिक दुर्गा पूजा का परिचय दिया है। उन्होंने दुर्गा पूजा के माध्यम से नारी की महानता का संदेश दिया है। (फोटो- न्यूज एजेंसी)

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaPublished: Thu, 26 Jan 2023 02:10 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jan 2023 02:10 PM (IST)
पश्चिम बंगाल की झांकी में दुर्गा पूजा से दिया नारी की महानता का संदेश

नई दिल्ली, पीटीआई। देशभर में आज 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के साथ कर्तव्य पथ पर पहुंची थी। गणतंत्र दिवस की परेड में निकलने वाली झांकियों ने देश की ताकत और विभिन्न संस्कृतियों को दर्शाया है। देश के विभिन्न राज्यों की झांकियां हमेशा की तरह एक विशेष विषय पर आधारित रहीं थी। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की झांकी ने प्रमुखता से अपनी संस्कृतिक दुर्गा पूजा का परिचय दिया है। उन्होंने दुर्गा पूजा के माध्यम से नारी की महानता का संदेश दिया है।

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बंगाल की झांकी की विशेषता

ढाक, धुनुची और मां को नमन करने वाली लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी पहने महिलाएं झांकी की प्रस्तुति में नजर आई। वह सभी दुर्गा पूजा की संस्कृति कर्तव्य पथ पर जीवंत हो उठीं क्योंकि पश्चिम बंगाल ने उत्सव की भावना के साथ गणतंत्र दिवस की झांकी दिखाई।अधिकारियों ने यह कहा कि झांकी में स्थानीय कला और संस्कृति को भी दिखाया गया है। फ्लोट को विशिष्ट पंडाल शैली में बनाया गया था। जैसा कि हर साल पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में दुर्गा पूजा के दौरान देखा जाता है।

दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में किया शामिल

पश्चिम बंगाल की झांकी में कलाकारों जिसमें ज्यादातर महिलाओं ने, "ढाक" बजाया था। तो वहीं बाकी कलाकारों ने "धुनुची" को झुलाया था। झांकी के दौरान सभी कलाकार बेहद उत्साह में थे क्योंकि कोलकाता की आत्मा समारोहिक बुलेवार्ड पर उतरी थी। कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है। तो वहीं पश्चिम बंगाल की झांकी में महिला सशक्तिकरण पर भी प्रकाश डाला गया है। पंडाल डिजाइन के चारों ओर टेराकोटा के टुकड़े राज्य की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं।

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पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित थी झांकी

गौरतलब है कि साल 2022 में केंद्र ने दिशानिर्देशों का पालन न करने के लिए गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए पश्चिम बंगाल द्वारा प्रस्तावित नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी भारतीय राष्ट्रीय सेना की झांकी को खारिज कर दिया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसके विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

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