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साथी की तलाश में 400 किलोमीटर का सफर तय कर बंगाल से मेघलय पहुंचा हाथी, दो नदियों को किया पार

उत्तर बंगाल के बक्सा के जंगल से एक हाथी 400 किलोमीटर का सफर तय कर मेघालय के जंगल में पहुंच गया है। इस कठिन सफर के दौरान उसने दो नदियों संकोश व ब्रह्मपुत्र को भी पार किया है। वन विभाग सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 03 Dec 2022 03:13 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2022 03:13 AM (IST)
साथी की तलाश में 400 किलोमीटर का सफर तय कर बंगाल से मेघलय पहुंचा हाथी, दो नदियों को किया पार
साथी की तलाश में 400 किलोमीटर का सफर तय कर बंगाल से मेघलय पहुंचा हाथी। फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। उत्तर बंगाल के बक्सा के जंगल से एक हाथी 400 किलोमीटर का सफर तय कर मेघालय के जंगल में पहुंच गया है। इस कठिन सफर के दौरान उसने दो नदियों संकोश व ब्रह्मपुत्र को भी पार किया है। वन विभाग सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। लगभग डेढ़ महीने पहले 15 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के झाड़ग्राम जिले में उत्पात मचाने वाले हाथियों के इस सरदार को रेडियो कालर पहना कर बक्सा के जंगल में छोड़ा गया था। प्रारंभ में उसका व्यवहार वनकर्मियों के लिए संतोषजनक था।

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मेघायल पहुंचा हाथी

वनकर्मियों ने इसे अन्य हाथियों के समूह के साथ घूमते या खाते-पीते भी देखा था। लेकिन वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक कुछ दिनों तक ऐसे ही चलने के बाद वह बक्सा का जंगल पार करने लगा। हालांकि उसे वापस बक्सा लाने की कोशिश की गई, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह संकोश नदी, मानस जंगल के बाद वह ब्रह्मपुत्र को भी पार गया और अंतत: मेघालय के जंगल में पहुंच गया।

साथी की तलाश में भटका रास्ता

राज्य के पूर्व मुख्य वनपाल रविकांत सिंह का मानना है कि अपनी साथी की तलाश में रास्ता भटक कर हाथी मेघालय के जंगल तक पहुंच गया है। या फिर वह बक्सा के जंगल में बाकी हाथियों के साथ खुद को ढाल नहीं पा रहा होगा। लेकिन शुरुआत में ऐसे कोई लक्षण नहीं देखे गए थे। दूसरी ओर राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि हाथी बक्सा के जंगल से मेघालय के जंगल क्यों चला गया, इस बारे में विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।

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