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DGCA ने शुरू की ममता बनर्जी के हेलीकाप्टर की खराबी की जांच,27 जून को करनी पड़ी थी आपात लैंडिंग

घटना वाले दिन हेलीकाप्टर किस समय उड़ा क्या उसके मौसम रडार पर कोई पूर्व चेतावनी थी हेलीकाप्टर किस समय घूमा और कहीं और चला गया यह सारी जानकारी डीएफडीआर में संग्रहीत है। डीजीसीए अधिकारियों का सवाल है कि आधुनिक हेलीकाप्टरों में मौसम रडार होते हैं। किसी गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले पायलटों को पहले से पता होना चाहिए था कि रास्ते में कोई आपदा है या नहीं।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Mon, 10 Jul 2023 07:01 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2023 07:01 PM (IST)
निजी हेलीकाप्टर के डीएफडीआर में मौजूद जानकारी की जांच की प्रक्रिया शुरू

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हेलीकाप्टर की खराबी की जांच शुरू कर दी है। डीजीसीए सूत्रों के मुताबिक निजी हेलीकाप्टर के डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकार्डर (डीएफडीआर) में मौजूद जानकारी की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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मुख्यमंत्री की पीठ और घुटनों में लग गई थी चोट

मालूम हो कि गत 27 जून को जलपाईगुड़ी से बागडोगरा जाने के दौरान खराबी के कारण ममता बनर्जी के हेलीकाप्टर को सिलीगुड़ी के पास शालूगाड़ा में सेना के हैलीपैड पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी। हेलीकाप्टर से उतरते समय मुख्यमंत्री की पीठ और घुटनों में चोट लग गई थी।

डीजीसीए अधिकारियों का सवाल

घटना वाले दिन हेलीकाप्टर किस समय उड़ा, क्या उसके मौसम रडार पर कोई पूर्व चेतावनी थी, हेलीकाप्टर किस समय घूमा और कहीं और चला गया, यह सारी जानकारी डीएफडीआर में संग्रहीत है। डीजीसीए अधिकारियों का सवाल है कि आधुनिक हेलीकाप्टरों में मौसम रडार होते हैं।

किसी गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले पायलटों को पहले से पता होना चाहिए था कि रास्ते में कोई आपदा है या नहीं। उस दिन हेलीकाप्टर के मौसम रडार से आपदा का पता नहीं चला? अगर पता है तो उसके बाद भी पायलटों ने जोखिम क्यों उठाया? बीच रास्ते में कोई आपदा आने पर आमतौर पर हेलीकाप्टर को उसी स्थान पर लौट जाना चाहिए जहां से वह चला था। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।

हेलीकाप्टर के दोनों पायलटों की सराहना

डीजीसीए के अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर हेलीकाप्टर के दोनों पायलटों की सराहना की है। वह पत्र अब जांच का हिस्सा है। एक अधिकारी का कहना है कि ऐसी घटनाओं में शुरुआत में लापरवाही का थोड़ा सा भी संदेह होने पर पायलटों को ड्यूटी से हटा दिया जाता है और जांच की जाती है। लेकिन इस मामले में खुद वीआइपी ने जिस भाषा में पायलटों की तारीफ की, वह उनके पक्ष में गया।

हालांकि पाटलटों को ड्यूटी से हटाया नहीं गया है। इस बारे में जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि मौसम सामान्य से कम खराब होने पर भी पायलट जोखिम उठाते। लेकिन आपात स्थिति में पायलट वही करते हैं जो उन्हें सही लगता है।


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