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कुदरत का कहर: जल सैलाब में बहते घर, गाड़ियां और मवेशी; 10 साल में कई बार दिखा बारिश का रौद्र रूप

Flood In Last 10 Decades हर साल मानसून अपने साथ कई राज्यों के लिए तबाही लेकर आता है। 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ से लेकर इस साल हिमाचल प्रदेश की तबाही के बीच पिछले 10 सालों में देश ने कई बार कुदरत का कहर झेला है। पहाड़ी इलाकों से लेकर निचले इलाकों तक आई बाढ़ में कई जिंदगियां निगल ली है।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariPublished: Mon, 10 Jul 2023 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2023 05:00 PM (IST)
पिछले 10 सालों में भारत ने कई बार झेली बाढ़ की तबाही

नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। साल 2013 में उत्तराखंड में बादल फटने के बाद जो तबाही का मंजर देखने को मिला, उसे कोई चाहकर भी नहीं भूल सकता है। इन दस सालों में शायद ही कोई ऐसा साल रहा होगा, जब इस बारिश से तबाही न मचाई हो, लोगों की जान न ली है और लाखों लोगों का घर न बर्बाद किया हो।

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वैज्ञानिकों ने दी थी चेतावनी

भारत का ऐसा कोई कोना नहीं होगा, जो पिछले दस सालों में एक भी बार बाढ़ का तांडव न झेला हो। दिल्ली, मुंबई, गुजरात, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और यहां तक की बिहार और बंगाल भी इसकी चपेट में आ चुका है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने पहले ही इस बात की चेतावनी दे दी थी कि आने वाले समय में बारिश का रूद्र रूप देखा जा सकता है। वर्षा पहले के मुकाबले अधिक तीव्र और सघन हो जाएगी। बारिश होगी थोड़े ही समय के लिए, लेकिन उसमें यह तबाही मचाएगी।

10 सालों में कई बार मची तबाही

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर पिछले 10 सालों में भारत के किस कोने में बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिला है और कितने लोगों ने इसमें अपनी जान गंवाई है। हालांकि, आंकड़ों की पुष्टि कर पाना बहुत मुश्किल होता है, हालांकि अनुमानित तौर पर देखें तो लाखों लोगों ने इस दौरान अपनी जान गंवा दी है।

पहले आपको बता देते हैं कि देश के कितने राज्यों को फ्लट बेल्ट कहा जाता है, यानी देश के किन राज्यों में बाढ़ आने के ज्यादा आसार रहते हैं। साथ ही, इन राज्यों के में किन नदियों का विकराल रूप उनके लिए कहर बनकर सामने आता है।

  • उत्तराखंड- गंगा, भागीरथी, भलंगना, मंदाकिनी, सरस्वती, अलकनंदा
  • उत्तर प्रदेश- गोमती, गंगा
  • बिहार- कोसी, गंडक, बागमती, कमला बलान, गंगा
  • झारखंड- दामोदर
  • पश्चिम बंगाल- दामोदर
  • असम- ब्रह्मपुत्र
  • मध्य प्रदेश- नर्मदा
  • गुजरात- नर्मदा
  • महाराष्ट्र- गोदावरी
  • तेलंगााना- गोदावरी
  • आंध्र प्रदेश- गोदावरी
  • कर्नाटक- कावेरी
  • तमिलनाडु- कावेरी

देश में कब-कब बारिश ने मचाई भारी तबाही?

1. 2013 में उत्तराखंड में दिखा था बारिश का भारी प्रकोप

साल 2013 में उत्तराखंड में बादल फटने के बाद, जो तबाही आई थी, वो आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देती है। उत्तराखंड की चोटी से आई बाढ़ ने किस हद से राज्य को क्षति पहुंचाई थी, उसका अंदाजा आज तक नहीं लगाया जा सका है।

दरअसल, 13 जून से 17 जून तक लगातार बारिश का कहर जारी था, इसी बीच चारोबाड़ी ग्लेशियर में हिमस्खलन और फिर देखने को मिला मंदाकिनी नदी का विकराल और रौद्र रूप। चारोबाड़ी में हिमस्खलन होने के कारण सबसे ज्यादा तबाही केदारनाथ मंदिर के आसपास वाले इलाकों में आई थी।

आंकड़ों की मानें तो, उस दौरान लगभग 5 हजार-10 हजार लोगों की मौत हुई थी, लेकिन जिसने भी वो मंजर देखा, उनको इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं होता है। भारत में बाढ़ ने उस समय जो रूप दिखाया था, उसे सोच पाना भी मुमकिन नहीं होता है।

2. मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के जलस्तर से आई तबाही

मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी वहां के लोगों की जीवन रेखा है, लेकिन हर साल बारिश के बाद इसका उफनता जलस्तर गुजरात और मध्य प्रदेश के लिए तबाही लेकर आता है। जून 2015 में आए मानसून में गुजरात पानी-पानी हो गया था। गुजरात के अधिकतर उस दौरान जलमग्न हो गए थे और लगभग 100-150 लोग मारे गए थे। उस बाढ़ ने राज्य में लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया था।  

3. 2015 में तमिलनाडु में आई भयंकर बाढ़

साल 2015 में दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में नवंबर के महीने में बारिश ने जो तबाही मचाई थी, उसमें लगभग 500 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस भयानक बाढ़ की वजह से राज्य के लगभग 18 लाख लोग प्रभावित हुए थे और 40,000 लोगों को विस्थापित हुए थे। इसके साथ ही, बाढ़ से गिर वन राष्ट्रीय उद्यान बुरी तरह प्रभावित हुआ और तीन जिलों में बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हो गई थी।

4. 2014 कश्मीर बाढ़

2014 कश्मीर बाढ़ आंशिक रूप से प्रभावित हुई थी। उस दौरान जम्मू और कश्मीर राज्य के लगभग एक हजार गांव जलमग्न हो गए थे। इस दौरान लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। हालांकि, इसमें जान गंवाने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन अनुमानित तौर पर बताया जाता है कि सैकड़ों लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया था।

5. 2016 ब्रह्मपुत्र नदी में आई बाढ़

साल 2016 में ब्रह्मपुत्र नदी में आई बाढ़ से असम के कई गांव और जिले जलमग्न हो गए थे। उस दौरान असम बाढ़ से भारत में 1.8 मिलियन लोगों के साथ-साथ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव सेंचुरी के वन्यजीव प्रभावित हुए थे। हालांकि, उस दौरान भी सैकड़ों लोगों और मवेशियों की मौत हो गई थी।

6. 2017 में कई राज्यों में एक साथ आई थी तबाही

2017 मुंबई में दूसरी सबसे खराब क्षेत्रीय बाढ़ थी, जिसकी तुलना 2005 के बाढ़ से की जाती है। जलवायु परिवर्तन के उस साल मुंबई में लगातार बारह घंटे तक बारिश होती रही थी, जिसमें 468 मिमी बारिश हुई थी। उस साल 2017 में गुजरात में बाढ़ पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ धरोई बांध और दांतीवाड़ा बांध में भारी प्रवाह के कारण आई थी। 2017 पूर्वोत्तर भारत में ब्रह्मपुत्र नदी के उफान के कारण असम राज्य के 15 जिले प्रभावित हुए थे।

7. केरल में 2018 में आई थी तबाही

साल 2018 में केरल में जो बाढ़ आई थी, उसे दक्षिण के इस राज्य में 1924 के बाद का सबसे भयानक बाढ़ बताया गया था। इस बाढ़ में सैकड़ों लोग मारे गए  थे। उस दौरान इस तबाही के कारण लगभग 10 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित होने पर मजबूर होना पड़ा था। इसके अलावा, इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था कि इडुक्की बांध के सभी 5 गेट खोल दिए गए थे। यह केरल की सबसे भीषण बाढ़ थी और इससे राज्य के सभी 14 जिले सीधे प्रभावित हुए थे।

8. अब भी नहीं मिली सैकड़ों लोगों की जानकारी

2021 में महाराष्ट्र में बाढ़ से काफी जान-माल का नुकसान हुआ था। 28 जुलाई 2021, तक बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य में लगभग 251 लोगों की मौत हो गई  थी और यहां तक कि लगभग 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। उस दौरान बाढ़ के कारण पश्चिमी महाराष्ट्र में 13 जिले प्रभावित हुए थे।

9. पूर्वोत्तर भारत में 90 लाख लोग हुए थे प्रभावित

मई 2022 में शुरू हुई घातक बाढ़ ने पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश को काफी प्रभावित किया था। दोनों देशों में लगभग 90 लाख से अधिक लोग उस दौरान बाढ़ से प्रभावित हुए थे और लगभग 300 लोग मारे गए थे। हालात, इस हद तक बिगड़ चुके थे कि लाखों लोगों को तत्काल प्रभाव से भोजन और दवा उपलब्ध कराना जरूरी हो गया था।

10. हिमाचल में बादल फटने से तबाही

इस साल देश के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें अब तक तो सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। दिल्ली, हरियाणा, असम, मुम्बई, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इस साल का मानसून आफत बनकर आया है। कई राज्य तो अब तक बाढ़ से उभर चुके हैं और कई अब भी बाढ़ का सामना कर रहे हैं। वहीं, इस साल सबसे ज्यादा डराने वाली तस्वीर हिमाचल प्रदेश से सामने आ रही है।

हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है। बादल फटने के कारण अब तक राज्य में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और कई जिले पानी में डूब चुके हैं। राज्य के तबाही का वीडियो लगातार सामने आ रहा है, जिसमें गाड़ियों, घरों, दुकानों, पेड़ों और जीव-जंतुओं के बहते देखा जा रहा है।


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