मवेशी तस्करी कांड की जांच कर रही सीबीआइ ने किया खुलासा, आधार कार्ड की प्रति से खोले गए थे 115 फर्जी बैंक खाते
बंगाल में सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए आम लोगों द्वारा जमा किए गए आधार कार्ड की प्रति से 115 फर्जी बैंक खाते खोले गए थे। मवेशी तस्करी कांड की जांच कर रही सीबीआइ ने यह खुलासा किया है। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए आम लोगों द्वारा जमा किए गए आधार कार्ड की प्रति से 115 फर्जी बैंक खाते खोले गए थे। मवेशी तस्करी कांड की जांच कर रही सीबीआइ ने यह खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुबूत के तौर पर आसनसोल स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में दस्तावेज भी जमा किए हैं। सीबीआइ ने कहा है कि बंगाल में 'स्वास्थ्य साथी' योजना के लिए जमा पड़े आधार कार्ड की प्रति का फर्जी बैंक खाते खोलने में इस्तेमाल किया गया। इन खातों के जरिए मवेशी तस्करी की काली कमाई का लेन-देन होता था।
भाजपा ने तृणमूल पर बोला जोरदार हमला
भाजपा ने इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा विधायक अनूप साहा ने कहा कि तृणमूल भ्रष्टाचार में किस कदर डूबी हुई है, इसका इसी से पता चल जाता है कि सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए आम लोगों द्वारा जमा किए गए परिचय पत्र को भी नहीं छोड़ा गया। दूसरी तरफ तृणमूल के बीरभूम जिला उपाध्यक्ष मलय मुखोपाध्याय ने कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है इसलिए इस बारे में कुछ कहना सही नहीं होगा।
करीब 330 फर्जी खातों का चला था पता
मालूम हो कि इससे पहले बीरभूम केंद्रीय सहकारी बैंक की सिउड़ी शाखा में करीब 330 फर्जी खातों का पता चला था। उस बैंक शाखा के प्रबंधक से सीबीआइ पूछताछ कर चुकी है। जांच में पता चला है कि शाखा प्रबंधक ने दो दिनों में खाता खोलने के लिए जमा किए गए सारे दस्तावेजों को अनुमोदित कर दिया था। सीबीआइ ने अदालत को सूचित किया कि पूछताछ में शाखा प्रबंधक ने बताया है कि दबाव में आकर उन्हें हस्ताक्षर करने पड़े थे।
ममता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है स्वास्थ्य साथी
मालूम हो कि स्वास्थ्य साथी ममता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत निजी अस्पतालों में लोगों की चिकित्सा का सारा खर्च सरकार वहन करती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए 'स्वास्थ्य साथी कार्ड' बनवाना पड़ता है, जिसके लिए अपने व परिवार के लोगों के परिचय पत्र की प्रति संबंधित सरकारी विभाग के पास जमा करानी पड़ती है।
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