सुवेंदु अधिकारी को भेजे गए बाल आयोग के नोटिस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक, ट्वीट पर मांगा था स्पष्टीकरण
सुवेंदु पर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बेटे के जन्मदिन के बारे में झूठी जानकारी ट्वीट करने का आरोप लगाया गया था। राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की गई थी। उसके आधार पर आयोग ने सुवेंदु को नोटिस भेजकर ट्वीट पर स्पष्टीकरण देने को कहा था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी को राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी। शुक्रवार को हाई कोर्ट की जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य ने अगले तीन सप्ताह के लिए नोटिस पर रोक लगा दी।
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सुवेंदु पर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बेटे के जन्मदिन के बारे में 'झूठी' जानकारी ट्वीट करने का आरोप लगाया गया था। राज्य बाल संरक्षण आयोग में शिकायत की गई थी। उसके आधार पर आयोग ने सुवेंदु को नोटिस भेजकर ट्वीट पर स्पष्टीकरण देने को कहा था। उस नोटिस के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट से नोटिस को खारिज करने या इस पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था। बुधवार को सुवेंदु की याचिका को स्वीकार कर लिया गया था।
हालांकि सुवेंदु ने ट्वीट में अभिषेक का नाम नहीं लिया था। उन्होंने 'कोयला भाइपो यानी भतीजा' शब्द का इस्तेमाल किया था। बंगाल की राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि अभिषेक को विपक्षी दल के नेता 'कोयला भाइपो' कहकर संबोधित करते हैं। सुवेंदु ने ट्वीट में लिखा था कि कोलकाता के एक होटल में कोयला भाइपो के बेटे की बर्थडे पार्टी बड़ी धूमधाम से आयोजित की जा रही है। 500 पुलिस, यहां तक कि बम निरोधक दस्ते और डाग स्क्वायड को भी वहां तैनात किया गया है। मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और ये सब ममता के नियंत्रण वाली पुलिस की निगरानी में हो रहा है। ट्वीट की निंदा करते हुए तृणमूल ने कहा था कि ट्वीट में दी गई जानकारी पूरी तरह झूठी और भ्रामक है। सुवेंदु ने जिस भाषा में ट्वीट किया, वह 'असंवेदनशील' है।