पश्चिम बंगाल में अडानी समूह को लेकर सरगर्मी, समुद्री बंदरगाह के भविष्य को लेकर उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल अक्टूबर में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को परियोजना का आशय पत्र सौंपा था। फिरहाद हकीम ने कहा कि परियोजना को निविदा के माध्यम से सौंपा गया है और इसे पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में भी अडानी समूह को लेकर सरगर्मी है। राज्य के ताजपुर में गहरे समुद्री बंदरगाह के निर्माण का ठेका अडानी समूह को दिया गया है। इसके भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने शुक्रवार को कहा कि ताजपुर में समुद्री बंदरगाह के निर्माण के प्रभावित होने की संभावना नहीं है।
राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले साल ताजपुर में ग्रीनफील्ड बंदरगाह के निर्माण का काम अडानी समूह को सौंपने की मंजूरी दी थी, जिससे 25,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
प्रभावित नहीं होगी परियोजना
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल अक्टूबर में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को परियोजना का आशय पत्र सौंपा था। फिरहाद हकीम ने कहा कि परियोजना को निविदा के माध्यम से सौंपा गया है और इसे पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है इसलिए चिंता का कोई कारण नहीं है। परियोजना प्रभावित नहीं होगी।
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तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि परियोजना राज्य सरकार की है और अडानी समूह इसका अनुबंध धारक है। परियोजना पूरी हो जाएगी। यह प्लान ए या प्लान बी के माध्यम से हो सकती है।
एक लाख नौकरियां मिलने की उम्मीद
विशेषज्ञों ने कहा कि ताजपुर बंदरगाह महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। ग्रीनफील्ड पोर्ट से 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और परोक्ष तौर पर करीब एक लाख नौकरियों के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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