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Assembly Bye Elections: 'बंगाल की 10 सीटों पर एक साथ हो उपचुनाव', TMC ने EC को लिखा पत्र; आयोग के सामने रख दी यह बड़ी मांग

निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल में चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है। मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और राज्य की सभी 10 विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव कराने की मांग की है। चुनाव आयोग ने हाल ही में सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की है

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Tue, 11 Jun 2024 06:34 PM (IST)
Assembly Bye Elections: 'बंगाल की 10 सीटों पर एक साथ हो उपचुनाव', TMC ने EC को लिखा पत्र; आयोग के सामने रख दी यह बड़ी मांग
बंगाल की 10 सीटों पर एक साथ उपचुनाव कराने को तृणमूल ने आयोग को लिखा पत्र। फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल में चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है। मंगलवार को  तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और राज्य की सभी 10 विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव कराने की मांग की है। इसके साथ ही तृणमूल ने कहा कि अलग-अलग चुनाव कराना उचित नहीं और भेदभावपूर्ण होगा।

बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही में सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की है, जिसमें 10 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। इसमें बंगाल की चार विधानसभा सीटें- रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा, मनिकतल्ला शामिल हैं।

टीएमसी ने आयोग से क्या कहा?

तृणमूल ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य की उन छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराएं जाएं, जिन सीटों के विधायकों ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। जिन विधायकों ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है, वे जल्द ही अपने पदों से इस्तीफा देंगे। इसके बाद से राज्य की छह विधानसभा सीटें खाली हो जाएंगी, इनमें मदारीहाट, नैहाटी, तालडांगड़ा, मेदिनीपुर, सिताई और हारोआ विधानसभा सीटें शामिल है।

फिलहाल जिन चार विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें तीन सीटों पर विधायकों ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था, जबकि मनिकतल्ला सीट मंत्री साधन पांडे के मृत्यु के बाद खाली हुई थी।

अलग-अलग चुनाव कराने का कोई औचित्य नहीं- TMC

तृणमूल ने पत्र में यह भी लिखा है कि इन सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराने का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि राज्य की कुछ विधानसभा सीटें जल्द ही खाली हो जाएंगी और लगातार चुनाव कराने से राज्य में सरकार का कामकाज और प्रशासनिक प्रणाली भी कहीं-न-कहीं प्रभावित होगी। अगर एक साथ सभी 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे तो इससे कम संसाधनों का इस्तेमाल होगा, क्योंकि छह विधानसभा सीटें छह महीने के अंदर खाली हो जाएंगी।

पार्टी के मुताबिक चुनाव आयोग पहले ही सात चरणों में लोकसभा चुनाव और राज्य में सभी सातों चरण में लोकसभा चुनाव कराने को लेकर आलोचना झेल चुका है।

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