Varanasi Lok Sabha Ground Report: Banaras का पूरा सियासी गणित समझिए
बनारस की ब्रांडिंग यहां के घाटों पर दिखती है। सिंदूरी शाम में दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों पर आसन जमाए लोग, आगे गंगा में तैर रही नावों पर सजी कुर्सियां और धीरे-धीरे उनके पीछे आकर खड़े हुए क्रूज. दरअसल लोग यहां हर शाम गंगा सेवा निधि की ओर से आरती होती है। यहां के लोगों का कहना है, गंगा आरती-पूजन की शुरुआत तो 1985 से हुई लेकिन ब्रांडिंग मोदी ने किया। घाट अच्छे बनवाए, विदेशी मित्रों को लाया, घुमाया तब से घरेलू पर्यटकों ने भी काशी दर्शन में इसे अनिवार्य रूप से जोड़ा। अब तो क्रूज के पैकेज में भी आरती दर्शन शामिल है। नमो घाट भी बनारस की नई पहचान कायम कर चुका है। घाटों के विरासत के बीच विकास की नई तस्वीर यहां दिखती है। यहां की हाथ जोड़े आकृति अब नए बनारस का सिग्नेचर प्वाइंट बन चुकी है। यहां रोजाना भरी दोपहर में भी दूर-दराज से आए लोग सेल्फी लेते दिख जाएंगे। बनारस में बदलाव पर यहां के युवा उद्यमी भी खुश हैं। सरकार को पूरे अंक देते हैं। देखिए क्या है वाराणसी लोकसभा सीट का सियासी गणित।