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गंगोत्री नेशनल पार्क में बढ़ता जा रहा है दुर्लभ वन्य जीवों का कुनबा

चीन सीमा से लगे गंगोत्री नेशनल पार्क में दुर्लभ वन्य जीवों का कुनबा बढ़ता जा रहा है। ये भारतीय वन्य जीव संस्थान एवं पार्क प्रशासन के ट्रैप कैमरों में कैद हो रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 03:58 PM (IST)
गंगोत्री नेशनल पार्क में बढ़ता जा रहा है दुर्लभ वन्य जीवों का कुनबा

उत्‍तरकाशी, शैलेंद्र गोदियाल। चीन सीमा से लगे गंगोत्री नेशनल पार्क में दुर्लभ वन्यजीवों का कुनबा बढ़ता जा रहा है। भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं पार्क प्रशासन के ट्रैप कैमरों की मदद से हिम तेंदुआ के अलावा तिब्बती भेड़िया, अर्गली भेड़, तिब्बती खरगोश, भूरा भालू, लाल लोमड़ी, कस्तूरी मृग सहित दर्जनों दुर्लभ जीव देखे गए हैं। भले ही अभी तक नेशनल पार्क में इन दुर्लभ वन्यजीवों की गणना नहीं हुई है, लेकिन इनकी मौजूदगी से पार्क प्रशासन के अधिकारी खुश हैं। वह वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट भी हैं।

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उत्तरकाशी जिले में पड़ने वाले गंगोत्री नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1989 में हुई थी। 2390 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला यह पार्क तिब्बत (चीन) के साथ ही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग व टिहरी जिलों की सीमा को भी जोड़ता है। बीते आठ वर्षों से पार्क प्रशासन और भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून पार्क में मौजूद वन्य जीवों का पता लगाने में जुटा हुआ है। इसके लिए हर वर्ष 150 से 200 ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं। इस बार भी ट्रैप कैमरे में हिम तेंदुआ के अलावा दुर्लभ जीवों की खूब मौजूदगी देखी गई है।

नेशनल पार्क के उप निदेशक एनबी शर्मा बताते हैं कि इस वर्ष पार्क के अधिकारी-कर्मचारियों को गश्त के दौरान शावकों सहित पांच भूरे भालू दिखे हैं। जबकि, ट्रैप कैमरा में नेलांग, जादूंग, नीलापानी सहित गोमुख क्षेत्र में हिम तेंदुआ व भूरे भालू के अलावा तिब्बती लोमड़ी, अर्गली भेड़, तिब्बती भेड़िया, कस्तुरी मृग, तिब्बती खरगोश, हिमालयन वीजल व काला भालू दिखाई दिए। उप निदेशक ने बताया कि पार्क में इन दुर्लभ वन्यजीवों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध है।

सिमलसारी गांव के पास मिली गुफा

नौगांव ब्‍लॉक के सिमलसारी गांव से 500 मीटर दूर डोवका तोक में एक गुफा के अंदर उकेरी गई आकृतियां लोगों के कौतुहल का विषय बनी हुई हैं। जिन्हें देखने के लिए सिमलसारी के ग्रामीणों समेत धारी कलोगी व आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों ने गुफा में पूजा पाठ करना शुरू कर दिया। दो दिन पहले सिमलसारी के युवक सचिन, सुशील और अमित अपनी गायों चुगाने डोवका तोक पहुंचे तो वह उत्सुकता बस एक गुफा के अंदर चले गये। 

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काफी लंबी गुफा के अंदर कई तरह की आकृति उकेरी हुई थी। ग्राम प्रधान सुरेश कुमार ने कहा कि गुफा के अंदर जाने के लिए एक दर्जन से अधिक घुमावदार मोड़ हैं तथा अंतर कई तरह की कलाकृतियां उकेरी हुई हैं। धारी के विशालमणी, पितांबर डोभाल, जोगेश्वर आदि ने कहा कि गुफा काफी खूबसूरत है पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकती है। प्रीतिराम और शुरवीर सिंह आदि ने गुफा में पूजन भी किया।

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