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बिजली कर्मियों की हड़ताल का असर: मनेरी भाली प्रथम और द्वितीय में उत्पादन ठप

विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के राज्यव्यापी आंदोलन की हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया। वहीं सोमवार की रात 12 बजे से राज्य की महत्वपूर्ण मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना प्रथम और द्वितीय में उत्पादन ठप हो गया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:13 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 08:50 PM (IST)
मनेरी भाली प्रथम और द्वितीय जल विद्युत परियोजना में उत्पादन ठप। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के राज्यव्यापी आंदोलन की हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया। सोमवार की रात 12 बजे से राज्य की महत्वपूर्ण मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना प्रथम और द्वितीय में उत्पादन ठप हो गया। मंगलवार की देर शाम तक भी जलविद्युत परियोजना में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया। उत्पादन ठप रहने से इन दोनों परियोजनाओं में मंगलवार की शाम तक दो करोड़ का नुकसान हुआ है। अगर उत्पादन जल्द ही शुरू नहीं हुआ तो राज्य सरकार को और भी अधिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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उत्तरकाशी जनपद में भागीरथी नदी पर दो जलविद्युत परियोजना हैं, जिनमें मनेरी भाली प्रथम जलविद्युत परियोजना 90 मेगावाट की है, जिसका पावर हाउस तिलोथ के पास है। जबकि भागीरथी नदी पर निर्मित मनेरीभाली जलविद्युत परियोजना द्वितीय 304 मेगावाट की है। राज्य सरकार की यह परियोजना सबसे महत्वपूर्ण है। इस परियोजना का पावर हाउस चिन्यालीसौड़ धरासू के पास है। इन दोनों परियोजनाओं में हड़ताली जलविद्युत निगम के कार्मिकों ने सोमवार की रात ठीक 12 बजे उत्पादन ठप कर दिया था। इन दोनों परियोजनाओं की उत्पादित बिजली से राज्य सरकार को बड़ा राजस्व मिलता है। राज्य सरकार मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना प्रथम से 60 पैसे और मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना द्वितीय से 70 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदती है।

कैबिनेट में प्रस्ताव रखने का भरोसा 

बता दें, ऊर्जा के तीन निगमों के 3500 से ज्यादा कार्मिकों ने सोमवार मध्यरात्रि से हड़ताल पर चले गए। एसीपी की पुरानी व्यवस्था की बहाली और समान काम के लिए समान वेतन समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर शासन के साथ सोमवार पूरे दिन व देर रात्रि वार्ता जारी रहने के बावजूद समाधान की राह नहीं निकली। शासन ने मांगों को मानने के लिए मंगलवार को होने वाले कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखने का भरोसा भी दिया, लेकिन कार्मिकों ने इसे नाकाफी माना। हालांकि ऊर्जा सचिव सौजन्या ने कहा कि कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार सुबह शासन के प्रस्ताव पर विचार करने का भरोसा दिया है। 

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