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Hakam Singh Rawat की उत्‍तरकाशी में अवैध संपत्ति ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू, प्रशासन की टीम ने भवनों पर नोटिस किया चस्पा

यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में प्रमुख आरोपित पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत के सांकरी स्थित रिसार्ट को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। आलीशान रिसार्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर होना चिह्नित किए गए।

By JagranEdited By: Sumit KumarPublished: Sun, 25 Sep 2022 10:29 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 10:29 PM (IST)
Hakam Singh Rawat की उत्‍तरकाशी में अवैध संपत्ति ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू, प्रशासन की टीम ने भवनों पर नोटिस किया चस्पा
हाकम सिंह रावत की ओर से किए गए अतिक्रमण का नापजोख करते राजस्व विभाग व पार्क के कर्मी। जागरण

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी/पुरोला : यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में प्रमुख आरोपित पूर्व भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत के सांकरी स्थित रिसार्ट को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। रविवार को उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम और गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की टीम मौके पर पहुंची।

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अवैध निर्माण, कब्जे की नापजोख व चिह्निकरण किया

दोनों टीमों ने हाकम सिंह रावत की ओर से किए अवैध निर्माण व कब्जे की नापजोख तथा चिह्निकरण किया। जिसमें हाकम सिंह रावत का आलीशान रिसार्ट सहित तीन भवन राजस्व भूमि पर होना चिह्नित किए गए। जबकि दो भवन और 130 पेड़ों का सेब का बागीचा गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर चिह्नित किया गया। अवैध निर्माण और कब्जे की नापजोख के बाद सीलिंग की कार्रवाई भी की गई।

राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि बनाया रिसार्ट

रविवार की सुबह पुरोला के उपजिलाधिकारी देवानंद शर्मा के निर्देशन में राजस्व विभाग और गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय उद्यान की टीम सांकरी पहुंची। जिसके बाद टीम ने हाकम सिंह रावत की ओर से किए गए अवैध निर्माण की पड़ताल करनी शुरू की। भौतिक सत्यापन में पाया गया कि राजस्व विभाग की 1.128 हेक्टेयर भूमि पर हाकम सिंह रावत ने रिसार्ट बनाया है। जो सबसे अधिक चर्चाओं में भी रहा है। इसके अलावा राजस्व भूमि पर हाकम सिंह रावत के दो अन्य भवन भी मिले।

0.907 हेक्टेयर भूमि पर सेब का एक बड़ा बागीचा और दो भवन

पार्क की 0.907 हेक्टेयर भूमि पर सेब का एक बड़ा बागीचा और दो भवन भी मिले। उपजिलाधिकारी देवानन्द शर्मा ने बताया कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रिसार्ट बनाएं जाने की जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई है। जिसकी गहनता से नापजोख कर चिह्निकरण किया गया। उसके बाद नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। राष्ट्रीय उद्यान के उपनिदेशक डीपी बलूनी ने कहा कि अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण करने से पहले भवनों पर नोटिस भी चस्पा किया गया है। सोमवार को एक बार फिर दोनों टीमें संपत्ति का जीपीएस सिस्टम से सत्यापन कर आगे की कार्यवाही करेंगी।

गोपनीय पत्र के प्रसारित होने पर दिए जांच के आदेश

गत शनिवार को इंटरनेट मीडिया में पुलिस अधीक्षक कार्यालय उत्तरकाशी का एक गोपनीय पत्र प्रसारित हुआ। जिसमें हाकम सिंह रावत के रिसार्ट को ध्वस्त करने की प्रस्तावित कार्रवाई का उल्लेख और इस दौरान कानून व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए गए थे। कानून व्यवस्था से संबंधित इस गोपनीय पत्र के इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने के मामले को पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने गंभीरता से लिया। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि यह पत्र किसी पुलिस कर्मी ने प्रसारित किया। इसकी जांच के निर्देश पुलिस उपाधीक्षक अनुज कुमार को दिए गए हैं। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। गोपनीय पत्र को प्रसारित करने में जिस भी कर्मचारी की भूमिका होगी उस पर सख्त कार्रवाई होगी।

तत्कालीन जिम्मेदारों की भूमिका पर संदेह

मोरी के सांकरी में रिसार्ट के अलावा चार भवनों का निर्माण और 130 पेड़ों का सेब का बागीचा हाकम सिंह रावत ने राजस्व व नेशनल पार्क की भूमि पर तैयार किया है। यह अवैध निर्माण एक वर्ष के अंतराल में नहीं, बल्कि पिछले दस वर्षों के अंतराल में किया गया है। परंतु, इस अवैध निर्माण और अतिक्रमण के लिए किसी भी अधिकारी ने हाकम सिंह रावत को रोकने की हिम्मत नहीं जुटाई। इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई करना तो दूर की बात रही। परंतु अब तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। भले ही प्रशासन और सिस्टम उन जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने की फिराक में जुटा है।

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