गंगोत्री के कपाट बंद, छह माह तक मुखबा में होगी मां गंगा की पूजा
गंगोत्री धाम के कपाट आज विधि विधान से बंद कर दिए गए। साथ ही मां गंगा की मूर्ति को मुखवा के लिए रवाना कर दिया गया। कल से आगामी छह माह तक मुखबा में मां गंगा की पूजा होगी।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: चार धाम यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। शीतकाल के लिए उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों के कपाट बंद होने शुरू हो गए हैं।
शुक्रवार को विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए और मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास के मुखबा रवाना हो गई। अब अगले छह माह देश-विदेश केश्रद्धालु मां गंगा के दर्शन मुखबा में कर सकेंगे। भैया दूज के दिन शनिवार को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे। दोनों धामों में कपाट बंद करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जबकि बदरीनाथ के कपाट 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे।
दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व पर गंगोत्री धाम में सुबह साढ़े आठ बजे उदय बेला पर पूजा अर्चना के बाद गंगा की भोग मूर्ति से मुकुट उतरा गया। इस बीच श्रद्धालुओं ने मां गंगा की भोग मूर्ति के दर्शन किए। पूर्वाह्न 11.40 बजे शुभ मुहूर्त पर मंदिर के कपाट बंद किए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकलीं तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।
सेना की महार रेजीमेंट के बैंड की धुन और परंपरागत वाद्ययंत्रों के साथ डोली मुखबा के लिए रवाना हुई। शुक्रवार को डोली मुखवा से चार किमी दूर चंदोमति के देवी के मंदिर में रात्रि विश्राम कर शनिवार को शीतकालीन प्रवास स्थल पहुंचेगी। इस अवसर पर गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष मुकेश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल और व्यापार मंडल अध्यक्ष सत्येंद्र सेमवाल समेत प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
साढ़े सात घंटे बंद रहा गंगोत्री हाईवे, यात्री रहे परेशान
उत्तरकाशी में गंगनानी के पास गंगोत्री हाईवे करीब साढ़े सात घंटे तक बंद रहा। इस दौरान गंगोत्री जाने वाले 100 से अधिक वाहन फंसे गए और करीब सात सौ यात्री कपाट बंद होने के शुभ अवसर पर गंगोत्री नहीं पहुंच सके। गुरुवार की देर रात को गंगोत्री हाईवे गंगनानी के निकट नाग देवता के पास बंद हो गया था। शुक्रवार सुबह पांच बजे जब उत्तरकाशी से गंगोत्री के लिए स्थानीय लोग तथा यात्री जा रहे थे तब हाईवे के बंद होने का पता चला।
सूचना मिलने पर सुबह करीब दस बजे सीमा सड़क संगठन की टीम मौके पर पहुंची और मलबा हटाने का काम शुरू किया। डेढ़ घंटे बाद करीब साढ़े 11 बजे हाईवे खोला जा सका, जिससे गंगोत्री धाम में कपाटबंदी के लिए जाने वाले यात्री व स्थानीय लोग इस अवसर के साक्षी नहीं बन पाए। यात्रियों को निराश ही वापस लौटना पड़ा।
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