उत्तरकाशी में तैयार हो रहा पौराणिक धरोहर का अत्याधुनिक संग्रहालय
निम उत्तरकाशी में पौराणिक धरोहरों का अत्याधुनिक संग्रहालय जनवरी 2020 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा। उत्तरकाशी के लिए यह संग्रहालय आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र होगा।
उत्तराखंड, शैलेंद्र गोदियाल। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी में पौराणिक धरोहरों का अत्याधुनिक संग्रहालय (म्यूजियम) जनवरी 2020 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा। यह देश के संग्रहालयों में सबसे अलग और खास होगा। इसके भवन में एक-एक पत्थर को तराशने के बाद देवदार की लकड़ी पर शानदार नक्काशी कर लगाया गया है। उत्तरकाशी के लिए यह संग्रहालय आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र होगा।
15 करोड़ की लागत से बन रहे संग्रहालय के भवन का निर्माण कार्य मार्च 2016 में शुरू हुआ था। इसमें तीन भवन बनाए गए हैं, जिनमें से एक भवन दो मंजिला है। इस भवन के अंदर अत्याधुनिक तरीके से गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ के मंदिर भी बनाए गए हैं।
संग्रहालय के भवन का बाहरी ढांचा देवदार की लकड़ी और पठालों (पत्थर) से पहाड़ी शैली में तैयार किया गया है। इस पर उत्तराखंड की लोक कथाओं को उकेरा गया है। जबकि, अंदरूनी हिस्से में अत्याधुनिक 3डी व 4डी पेंटिंग, होलोग्राफिक, लेजर किरण, कंप्यूटरीकृतऔर ऑडियो-वीडियो तकनीक शामिल की गई है। इन तमाम तकनीकों के जारिए लोगों को हिमालय की चोटियों, नदियों, पर्वतारोहियों, जैव विविधता, पुरातत्व महत्व की वस्तुओं और पहाड़ी संस्कृति की जानकारी रोचक ढंग से मिल सकेगी।
संग्रहालय भवन के निर्माण के लिए प्रसिद्ध वास्तुकारों ने बेहतरीन डिजाइन तैयार किए हैं। इसके अलावा मोरी क्षेत्र के स्थानीय पहाड़ी कारीगरों ने भवन में लगी लकडिय़ों पर सुंदर नक्काशी की है। संग्रहालय भवन में हर पत्थर को तराश कर लगाया गया है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि 14 जनवरी 2020 को इस संग्रहालय के उद्घाटन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
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