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जलवायु परिवर्तन के खेती पर असर की दी जानकारी

संवाद सूत्र, चिन्यालीसौड़ : कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित गोष्ठी में विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन व

By Edited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 05:56 PM (IST)

संवाद सूत्र, चिन्यालीसौड़ : कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित गोष्ठी में विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन व इसके खेती पर असर की जानकारी दी। गोष्ठी में क्षेत्र के सौ से अधिक किसान शामिल हुए।

कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ की ओर से संचालित समुत्थानशील कृषि पर राष्ट्रीय पहल परियोजना के तहत क्षेत्रीय अनुश्रवण दल ने डुंडा गांव में विभिन्न गतिविधियों का जायजा लिया। दल ने गांव के किसानों के साथ संवाद करते हुए उन्हें विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। इसके बाद आयोजित गोष्ठी में क्षेत्रीय अनुश्रवण दल के अध्यक्ष डॉ.एमपी यादव ने डुंडा गांव में कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किए जा रहे कृषि, बागवानी एवं पशुपालन से संबंधित गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि वैज्ञानिक विधि से खेती करना पर्वतीय क्षेत्रो के लिए आवश्यक होने के साथ ही लाभकारी भी है। उन्होंने किसानों से कहा कि शुष्क भूमि आधारित कृषि के लिए एलडीपीई टैंक का सब्जी उत्पादन के लिए प्रयोग और वर्षा जल के संरक्षण को वर्षा जल के ढाल में अंतराल पर गड्ढे बनाकर उसका उपयोग भी किया जा सकता है। हैदराबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.आर नागार्जुन ने कृषकों को सुझाव दिया कि शुष्क क्षेत्रों अथवा वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में ऐसी प्रजातियों को चुने जिसमें सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र व क्षेत्रीय अनुश्रवण दल की ओर से स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को स्वच्छता को लेकर भी जागरुक किया गया। कार्यक्रम में 100 से ज्यादा कृषकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ.वीके सचान, डॉ.आरके तिवारी, डॉ.गौरव पपनै, मनीषा, जेपी गुप्ता, हाकिम चौहान व हरिहर कुकरेती समेत अन्य लोग मौजूद रहे।


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