बाढ़ प्रभावितों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : लोकसभा चुनाव प्रत्याशी अपने साथ दावे और वादों की बाढ़ लेकर आ रहे हैं, लेकिन असीगंगा में 2012 में आई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुए परिवारों के हाथ अब भी मदद को तरस रहे हैं। लंबे समय तक धरना प्रदर्शन के साथ ही अफसरों और नेताओं के दर पर ऐड़ियां रगड़ने के बाद इन परिवारों ने लोक सभा चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
असीगंगा बाढ़ प्रभावित गंगोरी, घटसौड़, नाल्ड, सिमोड़ी, रवाड़ा, चिवां, खरादी गांव के ग्रामीणों ने राज्य सरकार पर उपेक्षा आरोप लगाते लोक सभा चुनावों में मतदान ना करने की चेतावनी दी। इन सत्तर परिवारों में डेढ़ सौ मतदाता हैं। इन सभी लोगों के आशियाने वर्ष 2012 की बाढ़ में बह गए थे, लेकिन प्रशासन की सर्वे रिपोर्ट में इनके नुकसान का कम आकलन किया गया। बाद में प्रभावित परिवारों की ओर से नुकसान के पूरे दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूद प्रशासन ने इनकी सुध नहीं ली। इसके लिए प्रभावितों ने दो बार गंगोरी में धरना प्रदर्शन भी किया। वहीं जिला प्रशासन के साथ ही शासन में भी गुहार लगाई, लेकिन इसबार प्रभावितों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। शुक्रवार को गंगोरी बाढ़ प्रभावित समिति के अध्यक्ष केशर सिंह पंवार के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पहुंचकर इन परिवारों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। प्रभावित लोगों ने जिलाधिकारी के मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में 2012 बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने अस्सी गंगा घाटी के 70 परिवारों को 2013 आपदा के मानकों के अनुरूप ही राहत राशि और भवन दिलवाने की मांग की है। प्रभावितों ने बताया कि उन्हें ना तो उचित मुआवजा मिला ना ही बेघरों के लिए घर का इंतजाम हुआ।