एनएच घोटाले की एसआइटी जांच पर रावत ने उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एनएच घोटाले की जांच पर फिर से सवाल उठाए। उन्होंने घोटाले की जांच हाईकोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग दोहराई।
काशीपुर, [जेएनएन]: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एनएच-74 मुआवजा घोटाले की एसआइटी जांच का डबल इंजन जसपुर व काशीपुर से आगे क्यों नहीं बढ़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एनएचएआइ के अफसरों को जांच से अलग क्यों कर दिया गया है, जबकि मुआवजा तो एनएचएआइ ने ही दिया था। एसआइटी की जांच सीमित कर दी गई है। उन्होंने फिर घोटाले की जांच हाईकोर्ट की देखरेख में कराए जाने की मांग दोहराई।
पूर्व सीएम रावत ने रामनगर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सवाल उठाया कि राज्य की वित्तीय स्थिति इतनी खराब क्यों हो गई है। जब भाजपा सरकार आई थी तो उस समय सरकारी खजाने में इतनी धनराशि थी कि सरकार सुलभता से जून तक कर्मचारियों को तनख्वाह दे सके। अब सरकार की यह स्थिति हो गई है कि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रही है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में निर्माण कराने वाले ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री के बयानों में विरोधाभास है। कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति इतनी बदहाल क्यों है। सरकार इसका पूर्ण ब्योरा जनता के समक्ष पेश करे।
पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार कह रही है कि सरकारी खजाने खाली है और बाजार से तीसरी बार कर्ज लेना पड़ा। बताया कि पिछले साल कांग्रेस की सरकार थी। उस समय राज्य का राजस्व 19.53 फीसद था। यानी देश में कर्नाटक के बाद उत्तराखंड का दूसरा स्थान था। कर्नाटक का राजस्व 21 फीसद था। वर्तमान सरकार में राज्य की वित्तीय स्थिति खराब है तो इसका मतलब सरकार की नीयत में खोट है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिति सुधार में भजपा का डबल इंजन क्या कर रहा है। जीएसटी लागू होने से राज्य के उद्योगों पर संकट आ गया है। सरकार हर स्तर पर फेल है। विकास कार्य ठप है।
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