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खेती कैसे लाभकारी हो, काश्तकारों को बताएं वैज्ञानिक

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन का कहना है कि पंतनगर विवि के पास आज भी हजारों एकड़ जमीन है, वह इस भूमि पर खेती कर सकता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 27 Feb 2018 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 01 Mar 2018 10:56 AM (IST)
खेती कैसे लाभकारी हो, काश्तकारों को बताएं वैज्ञानिक
खेती कैसे लाभकारी हो, काश्तकारों को बताएं वैज्ञानिक

रुद्रपुर, उधमसिंह नगर [जेएनएन]: केंद्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन ने कहा कि पंतनगर विवि के पास आज भी हजारों एकड़ जमीन है, वह इस भूमि पर खेती कर पहले अपने आप को लाभकारी संस्था के रूम में मॉडल स्वरूप पेश करे। इसी भूमि पर वह काश्तकारों को कृषि के हुनर सिखाए, जिससे वह छोटी जोत में भी अपनी आय दोगुना से अधिक कर सकें, इसके लिए यदि आवश्यक समझें तो वैज्ञानिक समूह बनाकर गांवों को गोद भी ले सकते हैं। 

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केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार को पंतनगर किसान मेले के समापन समारोह में शिरकत करने से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत के साथ विवि के अधिकारियों व वैज्ञानिकों संग बैठक की। उन्होंने विवि में समन्वित खेती के भिन्न-भिन्न मॉडल विकसित कर उनके खर्च व आमदनी को दर्शाते हुए किसानों को दिखाए जाने की आवश्यकता बताई। वैज्ञानिकों से कहा कि वह चार वैज्ञानिकों का समूह बना संयुक्त रूप से चार गांवों को गोद लें।

किसानों को आधुनिक कृषि के हुनर सिखाकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की दिशा में काम करें। बोले, वर्ष 2018 को मोटे अनाजों के वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। विवि को भी इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। देश बदल रहा है तथा इस बदलाव के पीछे अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि में बदलाव भी कृषि विवि, संस्थानों व कृषि से संबंधित सभी अधिकारियों द्वारा ही लाया जाएगा।

उन्होंने विवि के वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वह संतुलित उर्वरक व समन्वित खेती के तरीकों से दूसरी बार देश में हरित क्रांति लाने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी ङ्क्षचता पहाड़ों का तेजी से खेती विहीन होने की है। इसका मुख्य कारण पानी का अभाव, बिखरी खेती एवं वन्य जीवों का गांवों तक पहुंचना है। वैज्ञानिकों को इन सब कारणों के समाधान के लिए शोध किए जाने की आवश्यकता है। खेती को लाभप्रद बनाने की तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। 

पशुओं को चारा मिल सके तथा वन्यजीवों को गांवों से दूर भोजन उपलब्ध हो सके। उन्होंने उत्तराखंड की 670 न्याय पंचायतों में वृद्धि केंद्र विकसित किए जाने की योजना के बारे में भी बताया। बैठक में प्रदेश के कृषिमंत्री सुबोध उनियाल, कुलपति प्रो. मिश्रा समेत विवि के वैज्ञानिक व अधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सीएम रावत व प्रदेश के कृषि मंत्री के साथ विवि के उद्यान अनुसंधान केंद्र एवं प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र का भ्रमण कर वहां चल रहे विभिन्न प्रयोगों व विभिन्न फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीजों के उत्पादन संबंधी जानकारी लेने के बाद इन शोध कार्यों को काश्तकारों से अविलंब साझा करने की सलाह दी।

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