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Baba Tarsem Singh Murder: ...तो नेपाल और ढाका की ओर भाग निकले हत्यारे, उत्‍तराखंड के इस शहर से बड़ी गिरफ्तारी होने के आसार

Baba Tarsem Singh Murder 28 मार्च को बाइक सवार शूटरों ने नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्यारोपितों की अंतिम लोकेशन शाहजहांपुर के निगोही में मिली थी जिसके बाद से वे गायब हैं। चर्चा है कि शूटर सर्वजीत सिंह ढाका और अमरजीत सिंह नेपाल की ओर भागा है। हत्या मामले में पहुंची एसटीएफ टीम ने बाजपुर के गांवों में दबिश भी दी।

By virendra bhandari Edited By: Nirmala Bohra Sat, 06 Apr 2024 10:54 AM (IST)
Baba Tarsem Singh Murder: ...तो नेपाल और ढाका की ओर भाग निकले हत्यारे, उत्‍तराखंड के इस शहर से बड़ी गिरफ्तारी होने के आसार
Baba Tarsem Singh Murder: शाहजहांपुर में मिली अंतिम लोकेशन, वहां से लापता हुए इनामी शूटरों को ढूंढ रही पुलिस

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : Baba Tarsem Singh Murder: नानकमत्ता के डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या 10 लाख रुपये की सुपारी लेकर करने वाले इनामी फरार शूटरों को पुलिस नौ दिन बाद भी ढूंढ नहीं पाई है। यद्यपि हत्या के षड़यंत्रकारी चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

शूटर और सुपारी देने वाले असली व्यक्ति से पुलिस फिलहाल दूर है। पुलिस की 15 से अधिक टीम उनकी तलाश में लगी है। हत्यारोपितों की अंतिम लोकेशन शाहजहांपुर के निगोही में मिली थी, जिसके बाद से वे गायब हैं। चर्चा है कि शूटर सर्वजीत सिंह ढाका और अमरजीत सिंह नेपाल की ओर भागा है।

28 मार्च को बाइक सवार शूटरों ने नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से हत्यारोपितों की पहचान तरनतारण पंजाब निवासी सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह और नगली फतेहगढ़, चूड़ियां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब निवासी अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार सुरेंद्र सिंह के रूप में की है।

सर्विलांस और मैनुअली इनपुट के आधार पर चला पता

पुलिस को सर्विलांस और मैनुअली इनपुट के आधार पर पता चला है कि हत्यारोपित को शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह के साथ ही अमनदीप सिंह उर्फ काला, हरमिंदर उर्फ पिंदी, बलकार सिंह ने हर तरह की मदद की थी। कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब स्थित डेरा कार सेवा एवं तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों का प्रबंधन अपने वर्चस्व में लेने के लिए यह कृत्य किया।

दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने सुनियोजित तरीके से पेशेवर अपराधी सर्वजीत सिंह और अमर जीत सिंह उर्फ बिट्टू को 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी। पुलिस चारों मददगारों को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज चुकी है। जबकि 50-50 हजार के इनामी शूटर पुलिस पहुंच से बाहर हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंतिम लोकेशन शाहजहांपुर के निगोही से दोनों हत्यारोपित अलग हो गए थे और तब से गायब हैं।

चर्चा है कि इसके बाद सर्वजीत सिंह ढाका और अमरजीत सिंह नेपाल की ओर भागा है। इंटरनेट मीडिया पर सर्वजीत की ढाका से की गई पोस्ट से भी इस बात को बल मिल रहा है। यद्यपि पुलिस अधिकारी हर दृष्टि से जांच कर रहे हैं। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि हत्यारोपितों की तलाश उत्तर प्रदेश के साथ ही पंजाब में की जा रही है। नेपाल से सटे बार्डर पर भी निगरानी की जा रही है।

एसटीएफ ने बाजपुर में की छह लोगों से पूछताछ

नानकमत्ता साहिब कारसेवा प्रमुख सेवादार बाबा तरसेम सिंह की हत्या मामले में पहुंची एसटीएफ टीम ने पुलिस चौकी बन्नाखेड़ा के अंतर्गत कई गांवों में दबिश देकर कुछ संदिग्धों से पूछताछ की। अचानक दो गाड़ियों में सवार होकर पहुंची टीम से गांव में हड़कंप मच गया। हत्याकांड के पर्दाफाश के लिए गठित टीम ने बाजपुर में दस्तक दी।

टीम ने शुक्रवार शाम संदिग्ध मोबाइल नंबरों के जरिये ग्राम रेंहटा व बन्नाखेड़ा क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर जाकर दबिश दी। बताया जाता है कि टीम ने छह लोगों से शक के आधार पर पूछताछ की है। सूत्रों की मानें तो इन सभी से हत्यारोपितों को उपलब्ध करवाए गए हथियारों के बारे में पूछताछ हुई है। हालांकि अभी स्थानीय स्तर पर कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।

अपुष्ट सूत्रों के हवाले से माना जा रहा है कि एसटीएफ बाजपुर से जल्द बड़ी गिरफ्तारी हो सकती है। बताते चलें कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा हत्यारोपितों को बाजपुर से हथियार उपलब्ध करवाए जाने के संकेत दिए गए थे। तभी से एसटीएफ ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के संपर्क में रहे लोगों से पूछताछ कर रही है। कुछ लोगों के मोबाइल नंबर घटना के दिनों में ट्रेस होने की बात कही जा रही है।

घटना से पूर्व बाबा के संपर्क वाले सभी नंबर्स को चेक किया जा रहा है तथा उनकी लोकेशन भी देखी जा रही है। इस हत्याकांड के पर्दाफाश को लेकर सभी टीमें हर उस बिंदू पर काम कर रही है, जो बाबा तरसेम और उनके हत्यारों से जुड़े हो सकते हैं। इसी को लेकर शुक्रवार की सायं एसटीएफ की टीम दो गाड़ियों से बाजपुर पहुंची थी। वहीं टीम में आए पुलिस अधिकारियों ने मामले को लेकर कोई भी जानकारी देने से इन्कार किया है।

पुलिस को यकीन दिलबाग को सुपारी देने वाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड

गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब की संस्था कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की हत्या के पीछे बड़ी साजिश है। पुलिस ने हत्या के लिए शूटरों को दस लाख रुपये मुहैया कराने वाले मध्यस्थ दिलबाग को धर दबोचा है। लेकिन सुपारी के राजदार दिलबाग ने हत्याकांड के मास्टर माइंड का राज नहीं उगला है। जिस वजह से पुलिस की जांच मददगारों, शूटरों के इर्द गिर्द अटकी हुई है।

डेरा प्रमुख तरसेम सिंह को वर्चस्व की लड़ाई में मौत के घाट उतार दिया गया। उनकी हत्या से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। हत्या के पर्दाफाश के लिए पुलिस ने 11 टीमों समेत स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम को भी लगाया है। हत्याकांड में शामिल दोनों शूटरों का लंबा चौड़ा अपराधिक इतिहास है। उत्तर प्रदेश शाहजहांपुर ग्राम कबीरपुर थाना निगोही निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या के लिए शूटर सरबजीत सिंह, अमरजीत सिंह को दस लाख रुपये में सुपारी दी थी।

दोनों हत्यारों को एडवांस के तौर डेढ़ लाख रुपये से अधिक की धनराशि भी दिलबाग, उसके साथियों ने दी थी। पुलिस ने दिलबाग सिंह को गुरुवार को गिरफ्तार कर सुपारी का राज तो उगलवा लिया, लेकिन दिलबाग को सुपारी के लिए हायर करने वाला मास्टर माइंड कौन है? इसका पता लगाने में पुलिस नाकाम रही है। जिस वजह से तरसेम सिंह हत्याकांड की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है।

पुलिस के हत्थे अभी तक शूटर सरबजीत सिंह, अमरजीत सिंह भी नहीं चढ़े हैं जिस वजह से हत्या से जुड़ी साजिश का राज गहराता जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा मंजूनाथ टीसी ने बताया कि कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है, तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।