नियमों के विपरीत गृह जिले में तैनात हैं 271 शिक्षक
उत्तराखंड में राजकीय महाविद्यालयों के 271 ऐसे शिक्षक हैं, जो नियम ताक पर रख अपने जिले में ही नौकरी कर रहे हैं।
काशीपुर, उधमसिंह नगर [जेएनएन]: प्रदेश में राजकीय महाविद्यालयों के 271 ऐसे शिक्षक हैं, जो नियम ताक पर रख अपने जिले में ही नौकरी कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 57 शिक्षक नैनीताल में और सबसे कम चार चम्पावत में जनपद में सेवाएं दे रहे हैं।
नए ट्रांसफर एक्ट-2018 की धारा दो (क) के तहत समूह क और ख के अधिकारियों को गृह जनपद में तैनाती नहीं की जा सकती है, लेकिन इसकी धज्जियां उड़ रही हैं। अधिवक्ता नृपेंद्र चौधरी ने सूचना के अधिकार में उच्च शिक्षा निदेशालय से गृह जनपद में तैनात शिक्षकों की सूचना मांगी तो उपनिदेशक की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 271 ऐसे शिक्षक हैं, जो अपने ही जनपद में तैनात हैं। इनमें कई शिक्षक कई साल जमे हुए हैं। ट्रांसफर एक्ट के तहत एक ही महाविद्यालय में तीन साल से अधिक का ठहराव नहीं हो सकता है।
ये है जिलों की स्थिति
जिले के नाम----------शिक्षकों की संख्या
नैनीताल--------------------57
बागेश्वर--------------------05
पिथौरागढ़------------------46
चम्पावत--------------------04
यूएस नगर-----------------10
अल्मोड़ा---------------------31
रद्रप्रयाग--------------------12
चमोली----------------------14
हरिद्वार--------------------13
देहरादून--------------------22
उत्तरकाशी-----------------10
टिहरी गढ़वाल-------------21
पौड़ी----------------------26
प्रभारी निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. सविता मोहन का कहना है कि शिक्षक अपने गृह जनपद में नौकरी नहीं कर सकता है। इसलिए हम नया ट्रांसफर एक्ट लाए हैं। कई जगह दिक्कतें हैं, लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा। प्रत्येक शिक्षक को उसके गृह जनपद से दूसरे जनपद में भेजा जाएगा।
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