वसंत पंचमी पर लोकवादक जाति ने बांटी हरियाली, जानिए महत्व
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की जाती है। इस दिन लोक वादक जाति के लोग अपने यजमानों की सुख समृद्धि के लिए उन्हें हरियाली भेंट की।
टिहरी, [जेएनएन]: वसंत पंचमी पर्व पर मां सरस्वती की पूजा का विधान है। इस दिन लोक वादक जाति के लोग अपने यजमानों की सुख समृद्धि के लिए उन्हें हरियाली भेंट करने की परंपरा निभाते हैं। सवर्ण जाति के लोग इस हरियाली को शुभ मानते हुए उनसे श्रद्धापूर्वक ग्रहण करते हैं।
लोक वादक आज भी हर संक्रांति को अपने यजमानों के घर लोकवाद्य दमाऊ से मंगल गीत गाकर उनके शुभ समय बीतने की कामना करते हैं। इस क्रम में वह वसंत पंचमी पर्व पर वर्षभर हरे भरे जीवन की कामना करते हैं और अपने घरों में उगायी गयी जौ की हरियाली को यजमानों के घर देने जाते हैं।
इस हरियाली को बेहद ही शुभ मानते सवर्ण यजमान घर की प्रत्येक चौखट पर उसे गाय के गोबर के साथ रोपते हैं। जिन घरों में शोक होता है वहां लोकवादक पूरे साल कोई वाद्य नहीं बजाते हैं। वसंत पंचमी को ऐसे घरों में वह हरियाली नहीं दे पाते हैं। यहां सभी लोग यही कामना करते हैं कि हर साल वसंत पंचमी पर उनके घर लोक वादक हरियाली देने आये। जिससे दुख और शोक उनसे हमेशा दूर रहें। हरियाली को सुख समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत पंचमी के दिन से वसंत ऋतु का आगाज़ होता है। इससे सभी में न सिर्फ नर्इ ऊर्जा का संचार होता है बल्कि चारों और हरियाली देखकर मन भी शांत होता है। वसंत ऋतु सेहत के लिहाज से भी अच्छी मानी जाती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए सुबह से ही घरों में मां सरस्वती की पूजा होने लगती है।
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