सालों से अंधरे में गुम गांवों में जली उम्मीद की 'लौ'
टिहरी जिले के दो दूरस्थ गांव जो राज्य गठन के बाद से ही बिजली का इंतजार कर रहे थे अब जल्द ही रोशन होंंगे। इन गांवों में बिजली का पूरा सामान पहुंच चुका है।
नई टिहरी, [जेएनएन]: आजादी के सत्तर दशक बाद जिले का गेंवली गांव बिजली से रोशन हो गया है। साथ ही उम्मीद है कि अब जिले के दो दूरस्थ गांव पिंसवाड़ और गंगी भी जल्द रोशन हो जाएंगे। इन गांवों में बिजली का सामान पहुंचा दिया गया है। जल्द ही यह दोनों गांव बिजली से जगमग होंगे।
जिले के दूसरे गांवों में सालों पहले बिजली पहुंच गर्इ थी। लेकिन गेंवली, पिंसवाड़ और गंगी गांव बिजली से कोसों दूर थे। लेकिन अब जब गेंवली गांव में ऊर्जा विभाग बिजली पहुंचा चुका है तो पिंसवाड़ और गंगी में भी लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ गर्इ हैं। पिंसवाड़ गांव की करीब एक हजार आबादी और गंगी की साढ़े चार सौ की आबादी संचार के इस युग में भी लालटेन का सहारा ले रही थी। दूरस्थ गांव होने के कारण ये गांव जंगल से भी घिरे हुए हैं जिससे अंधेरा होते ही जंगली जानवरों का भय सताने लगता है।
पृथक राज्य बनने के बाद से भी ये दोनों गांव बिजली को तरसते रहे। बिजली न होने के कारण 21 वीं सदी में भी यह लोग देश और दुनिया से अलग-थलग थे। लेकिन देर से ही सही ग्रामीणों का वो सपना साकार होने जा रहा है, जिसका उन्हें दशकों से इंतजार था।
पिंसवाड़ गांव और गंगी में बिजली का सामान पहुंच चुका है और यहां पर तेजी से विद्युतीकरण का काम शुरू हो गया है। ऊर्जा निगम की माने तो मार्च माह के प्रथम सप्ताह तक इन दोनों गांवों में बिजली के बल्ब टिमटिमाने लगेंगे।
जहां गेंवाली गांव में बिजली को लेकर दिवाली का माहौल है तो वहीं अब गंगी और पिंसवाड़ भी बिजली पहुंचने की उम्मीद से खुशी की लहर है। यह दोनों गांव सड़क से करीब दस से बारह किमी की दूर है। यहां पर कोई अधिकारी जाने को तैयार नहीं है। इन गांवों को दोहरी खुशी मिलने वाली है। यहां मार्च माह तक बिजली पहुंच जाएगी।
ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता राकेश कुमार का कहना है कि दोनों गांव में सामान पहुंच गया है और निगम का प्रयास है कि मार्च माह तक इन गांवों में भी बिजली पहुंच जाएगी।
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